केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति देश में सर्वोत्तम है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप आत्मसमर्पण कर देंगे और मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे, तो आप छत्तीसगढ़ और भारत के विकास में योगदान देंगे.’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नक्सलियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की. उन्होंने साथ ही चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
अमित शाह ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का पुनर्वास सरकार की जिम्मेदारी है. शाह ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में एक खेल आयोजन ‘बस्तर ओलंपिक’ को संबोधित करते हुए यह भी दावा किया कि देश मार्च 2026 तक माओवादियों से मुक्त हो जाएगा.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “मैं नक्सलियों से अपील करता हूं कि कृपया आगे आएं. हथियार छोड़ दें, आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा में शामिल हों. आपका पुनर्वास हमारी जिम्मेदारी है.”
उन्होंने कहा कि यदि माओवादी आत्मसमर्पण की अपील नहीं मानते हैं, तो सुरक्षा बल उन्हें खत्म कर देंगे. छत्तीसगढ़ पुलिस 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सल मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.”
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति देश में सर्वोत्तम है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप आत्मसमर्पण कर देंगे और मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे, तो आप छत्तीसगढ़ और भारत के विकास में योगदान देंगे.”
शाह ने आरोप लगाया कि एक साल पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के सत्ता में आने से पहले जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में थी, तो माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई धीमी थी.
उन्होंने दावा किया, ‘‘लेकिन छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार बनने के बाद चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आई. इसकी वजह से गत एक साल में 287 नक्सली मारे गए, 992 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 836 अन्य ने आत्मसमर्पण किया.”
शाह ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सुरक्षाकर्मियों की शहादत में 73 प्रतिशत की कमी आई है और नागरिकों की मौतों में 70 प्रतिशत की कमी आई है.
उन्होंने कहा, ‘‘यदि बस्तर (छत्तीसगढ़) से नक्सलवाद समाप्त हो जाए, तो यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण कश्मीर से भी अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा.”
शाह ने कहा कि जो लोग समाज में हो रहे परिवर्तन की प्रक्रिया को जानते हैं, वे यह भी जानते हैं कि यह केवल बस्तर ओलंपिक में भाग लेने वाले डेढ़ लाख लोगों तक सीमित नहीं है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हर कोई कह रहा है कि बस्तर बदल रहा है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जब मैं 2026 के बस्तर ओलंपिक में आऊंगा, तो कहूंगा कि बस्तर बदल गया है.” उन्होंने कहा कि इस बदलाव की शुरुआत बस्तर ओलंपिक से हुई है.
शाह ने कहा कि यह आयोजन आने वाले दिनों में बस्तर के विकास की नयी गाथा लिखेगा और नक्सलवाद के सम्पूर्ण उन्मूलन का मजबूत आधार बनेगा. उन्होंने यह भी कहा कि कई विकास कार्य किए जा रहे हैं, जिसके माध्यम से नक्सलवाद को हराया जा रहा है.
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