कार्तिक माह में आते हैं कई प्रमुख त्योहार, जानिए 28 अक्टूबर से लेकर पूरे नवंबर माह में आएंगे कौन कौन से व्रत​

 कार्तिक माह अधिकतर अक्टूबर में शुरू होता है और नवंबर में समाप्त होता है. कार्तिक माह में अहोई अष्टमी से लेकर दिवाली और छठ जैसे प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं.

Vart and tyohar in October and November; हिंदू धर्म में कार्तिक माह बहुत महत्वपूर्ण होता है. कार्तिक माह में हिंदू धर्म के कई प्रमुख व्रत और त्योहार आते हैं. कार्तिक माह अधिकतर अक्टूबर में शुरू होता है और नवंबर में समाप्त होता है. इस बार कार्तिक माह की शुरुआत 18 अक्टूबर से हो चुका है. इस माह में अहोई अष्टमी से लेकर दिवाली और छठ जैसे प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं. इसी माह में देवउठनी एकादशी भी आती है. देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु के योग निद्रा से जागने के बाद शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं. इसी माह में चार दिवसीय व्रत छठ भी मनाया जाता है. सूर्य और प्रकृति की उपासना का यह व्रत देश से लेकर विदेश तक में धूम धाम से मनाया जाने लगा है. आइए जानते हैं 28 अक्टूबर से लेकर पूरे नवंबर माह में आने वाले प्रमुख व्रत और त्योहार कौन कौन से हैं और ये किस दिन मनाए जाएंगे…..

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अक्टूबर माह में शेष बचे दिनों के व्रत त्योहार

28 अक्टूबर सोमवार को रमा एकादशी

29 अक्टूबर मंगलवार को धनतेरस

30 अक्टूबर बुधवार को नरक चतुर्दशी

नवंबर माह में आएंग ये व्रत और त्योहार

1 नवंबर शुक्रवार को दिवाली, कार्तिक अमावस्या

2 नवंबर शनिवार को गोवर्धन पूजा

3 नवंबर  रविवार को भाई दूज

5 नवंबर सोमवार को छठ पूजा का नहाय खाय

6 नवंबर मंगलवार को छठ पूजा का खरना

7 नवंबर गुरुवार को छठ पूजा का अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य

8 नवंबर शुक्रवार को छठ पूजा का उगते सूर्य को अर्घ्य

9 नवंबर शनिवार को गोपाष्टमी

10 नवंबर रविवार को अक्षय नवमी

12 नवंबर मंगलवार को देवउठनी एकादशी, तुलसी विवाह

13 नवंबर बुधवार को प्रदोष व्रत

14 नवंबर गुरुवार को श्री बैकुंठ चतुर्दशी

15 नवंबर शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा व्रत, देव दीपावली

26 नवंबर, मंगलवार को उत्पन्ना एकादशी

कब है शरद पूर्णिमा 

आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. इस बार शरद पूर्णिमा का व्रत 16 अक्टूबर बुधवार के दिन रखा जाएगा. शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से शरद पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है. इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है. इस दिन चंद्रमा की रोशनी सभी दिशाओं में फैलती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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