आरोपी थानाध्यक्ष रविरंजन कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. साथ ही दोनों आरोपियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
किसी भी वारदात के बाद लोग सबसे पहले पुलिस को सूचना देते हैं, लेकिन यदि वारदात को अंजाम देने वाला कोई थानाध्यक्ष हो तो गुहार किससे लगाई जाए. यह सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि बिहार के छपरा में एक थानाध्यक्ष ने एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर के 32 लाख रुपये की लूट की वारदात को अंजाम दे दिया.
जानकारी के मुताबिक, नगर थाना इलाके के रौजा गांव निवासी रोहन कुमार अपने चालक के साथ जमीन बेचकर 64 लाख रुपये लेकर व्यापार के सिलसिले में मुजफ्फरपुर जा रहे थे. रास्ते में मकेर थानाध्यक्ष रविरंजन कुमार और उनके वाहन चालक अनिल कुमार ने गाड़ी को जांच के नाम पर रोका और 32 लाख रुपये लूट लिए. आरोपियों ने व्यापारी को हथियार का भय दिखाया. साथ ही इसके बाद शराब और हथियार गाड़ी में रखकर केस में फंसाने की धमकी भी दी. साथ ही मारपीट भी की गई.
फोटो दिखाकर करवाई पहचान
घटना के बाद व्यापारी ने इसकी शिकायत सारण एसपी आशीष कुमार से की. मामले में एसपी ने तुरंत कार्रवाई की. उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद एसडीपीओ मढ़ौरा नरेश पासवान के नेतृत्व में जांच दल का गठन किया गया.
उन्होंने बताया कि मकेर थाने के सभी लोगों को फोटो पीड़ितों को दिखाए गए और उनसे पहचान करवाई गई. पीड़ितों ने मकेर थानाध्यक्ष और उनके ड्राइवर को पहचान लिया. इसके बाद तुरंत दोनों की खोज की गई और मकेर थानाध्यक्ष को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो पूरी घटना का खुलासा हुआ.
32 लाख रुपये की राशि की बरामद
आरोपी थानाध्यक्ष रविरंजन कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. साथ ही दोनों आरोपियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
इस मामले में पुलिस ने 32 लाख रुपये की राशि को चालक अनिल कुमार के कमरे से बरामद की है. फिलहाल चालक अनिल कुमार फरार बताया जा रहा है.
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