भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने 2,900 से अधिक फसल किस्में विकसित की हैं, जिनमें से 85 प्रतिशत प्रतिकूल जलवायु सहिष्णु हैं और 179 जैव-फोर्टिफाइड हैं.
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स ने सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और कृषि एवं ग्रामीण विकास सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. बैठक के बाद एक बयान में चौहान ने कहा कि आज कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बिल गेट्स और उनकी टीम के साथ चर्चा हुई है. बिल गेट्स फाउंडेशन दुनिया के कई देशों में कृषि के क्षेत्र में, ग्रामीण विकास के क्षेत्र में, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में, दुनिया की जो बेस्ट प्रैक्टिस है उसको शेयर करते हैं और पीड़ित मानवता की सेवा के लिए भी वो काम करते हैं.
कृषि मंत्री ने कहा कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ मिलकर बिल फाउंडेशन पहले से ही काम कर रहा है और आज फिर से कौन-कौन से क्षेत्र हो सकते हैं, जिनमें साथ मिलकर काम कर सकते हैं, उन पर हमारी चर्चा हुई है. उनमें कृषि का क्षेत्र है, ग्रामीण विकास, विशेषकर महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में, खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में, कृषि उत्पादन बढ़ाने के क्षेत्र में, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग के क्षेत्र में, टेक्नॉलजी के आदान-प्रदान के क्षेत्र में कई विषयों पर चर्चा हुई है और सहमति बनी है कि इन सब पर साथ मिलकर काम करेंगे.

उन्होंने कहा कि भारत का तो मंत्र ही है “वसुधैव कुटुंबकम”, सारी दुनिया एक परिवार है तो कुछ चीजें हम सीखेंगे भी, दुनिया से लेंगे भी, लेकिन हमने ये भी तय किया है कि भारत ने जो काम किया है, क्योंकि आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और पिछले दिनों भी जब कोविड का संकट आया था, वैक्सीन मैत्री के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के कई देशों को वैक्सीन देकर पीड़ित मानवता की सेवा की थी, लोगों की जान बचाई थी, तो हम अफ्रीका और साउथ कॉपरेशन में ऐसे देश, जिनको हम अपनी बेस्ट प्रेक्टिसेज दे सकते हैं और मदद कर सकते हैं, तो हमारा कृषि मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय भी उनको सहयोग प्रदान करेगा. फाउंडेशन के साथ मिलकर इन विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई है, एमओयू भी करेंगे और फिर कैसे इन चीजों को इम्प्लीमेंट करें उसकी योजना भी बनाएंगे.

वहीं बिल गेट्स ने कहा कि भारत में किए जा रहे कृषि अनुसंधान उत्कृष्ट हैं, जिसका लाभ दुनिया के बाकी देशों को भी मिल सकता है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने 2,900 से अधिक फसल किस्में विकसित की हैं, जिनमें से 85 प्रतिशत प्रतिकूल जलवायु सहिष्णु हैं और 179 जैव-फोर्टिफाइड हैं.
बैठक में कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, ग्रामीण विकास सचिव शैलेश सिंह, दोनों मंत्रालयों और आईसीएआर के अधिकारियों के साथ-साथ गेट्स फाउंडेशन के अधिकारी हरि मेनन और अलकेश आडवाणी भी मौजूद थे।
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