कानपुर प्रशासन को जांच का आदेश दिया गया. आरोप सही निकला. जिसके बाद नरेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई. चार्जशीट के बाद मामला ट्रायल कोर्ट में चला गया. कोर्ट ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के से शिकायत करने वाले की गवाही कराने से इनकार कर दिया. फिर मामला हाई कोर्ट पहुंचा. हाई कोर्ट ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही कराने का आदेश दिया.
इस बार गवाही विदेश से हुई. वो भी लगातार तीन घंटों तक. गवाही वीडियो कॉन्फ़्रेंस से हुई. यूपी में विदेश से गवाही का ये पहला मामला है. केस कानपुर के ज़िला अदालत में चल रहा है. आधा पैसा देकर मकान पर कब्जा करने के आरोप वाला ये मुक़दमा है. साल 2014 में केस दर्ज हुआ था. वो भी उस समय के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हस्तक्षेप के बाद. इस मुकदमे में बुधवार को कानपुर कोर्ट में शिकायतकर्ता की अमेरिका से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही हुई.
बचाव पक्ष के वकील रवींद्र वर्मा ने बताया कि गवाही के दैरान शिकायतकर्ता शिकागो के वाणिज्य दूतावास में मौजूद रहीं. कानपुर कोर्ट में वीसी से बयान दर्ज करने का काम सवेरे 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक चला.
रवींद्र वर्मा के मुताबिक़ कानपुर की आनंदपुरी की रहने वाली राजकुमारी शाह और उनकी बेटी कविता 2004 में भारत से अमेरिका चली गई थीं. उन्होंने अपना मकान बेचने के लिए नरेंद्र सिंह से करार किया था. नरेंद्र सिंह ने आधा पैसा चुकाया. बाद में उन्होंने मकान पर कब्जा कर लिया.
इसकी शिकायत राजकुमारी शाह ने मार्च 2014 में अखिलेश यादव से मेल पर की थी. आरोप लगाया कि फर्जी कागज बनाकर मकान पर कब्जा कर लिया गया है.
कानपुर प्रशासन को जांच का आदेश दिया गया. आरोप सही निकला. जिसके बाद नरेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई. चार्जशीट के बाद मामला ट्रायल कोर्ट में चला गया. कोर्ट ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के से शिकायत करने वाले की गवाही कराने से इनकार कर दिया. फिर मामला हाई कोर्ट पहुंचा. हाई कोर्ट ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही कराने का आदेश दिया.
कानपुर जिला अदालत ने गवाही के लिए पहले विदेश मंत्रालय से संपर्क किया. मंत्रालय के हस्तक्षेप से शिकागो में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने मदद की. वहां कॉन्सुलेट जनरल और कोऑर्डिनेटर की मौजूदगी में कविता की गवाही हुई. शिकागो के समय के हिसाब से गवाही रात 11 से 2 के बीच हुई. गवाही न्यायिक मैजिस्ट्रेट के कोर्ट में हुई. राजकुमारी शाह के खिलाफ उनकी बहू ने बिहार के मुंगेर में दहेज उत्पीड़न का केस किया था. इस केस में हाजिर न होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट और कुर्की आदेश जारी हुआ था. इसके चलते वह भारत नहीं लौटीं.
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