November 20, 2024
कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारत से सीधी उड़ान : जानिए जयशंकर की चीनी विदेश मंत्री से क्या हुई बात

कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारत से सीधी उड़ान : जानिए जयशंकर की चीनी विदेश मंत्री से क्या हुई बात​

चीन के विदेश मंत्री के साथ बैठक में एस जयशंकर ने कहा कि हम प्रभुत्व स्थापित करने के एकतरफा दृष्टिकोण के खिलाफ हैं. भारत अपने रिश्तों को दूसरे देशों के चश्मे से नहीं देखता.

चीन के विदेश मंत्री के साथ बैठक में एस जयशंकर ने कहा कि हम प्रभुत्व स्थापित करने के एकतरफा दृष्टिकोण के खिलाफ हैं. भारत अपने रिश्तों को दूसरे देशों के चश्मे से नहीं देखता.

कैलाश मानसरोवर (Kailash Mansarovar) की यात्रा फिर से शुरू हो सकती है. भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक में इस मुद्दे पर बातचीत हुई है. इसके अलावा दोनों देशों के समकक्षों के बीच सीमा पार नदियों पर डेटा साझा करना, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और मीडिया आदान-प्रदान को लेकर भी महत्वपूर्ण चर्चा हुई है.

ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के पॉलिटिकल ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी से द्विपक्षीय मुलाकात की.

दोनों देशों के विदेश मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी ने शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान दिया है. चर्चा भारत-चीन संबंधों में अगले कदमों पर केंद्रित रही. इस बात पर भी सहमति बनी कि विशेष प्रतिनिधियों और विदेश सचिव-उप मंत्री की जल्द ही एक बैठक होगी.

वैश्विक स्थिति और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर, विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच मतभेद और समानताएं दोनों हैं. हमने ब्रिक्स और एससीओ ढांचे में रचनात्मक रूप से काम किया है. जी20 में भी हमारा सहयोग स्पष्ट रहा है.

एस जयशंकर ने कहा कि हम मल्टीपोलर एशिया सहित मल्टीपोलर विश्व के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. जहां तक ​​भारत का सवाल है, इसकी विदेश नीति सैद्धांतिक और सुसंगत रही है, जो स्वतंत्र विचार और कार्रवाई से चिह्नित है.

भारत के विदेश मंत्री ने चीन के विदेश मंत्री के साथ बैठक में कहा कि हम प्रभुत्व स्थापित करने के एकतरफा दृष्टिकोण के खिलाफ हैं. भारत अपने रिश्तों को दूसरे देशों के चश्मे से नहीं देखता.

दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर करने पर बनी सहमति

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी भारत के विदेश मंत्री से सहमति व्यक्त की कि भारत-चीन संबंधों का विश्व राजनीति में विशेष महत्व है. उन्होंने कहा कि हमारे नेता आगे बढ़ने के रास्ते पर कज़ान में सहमत हुए थे. दोनों मंत्रियों ने महसूस किया कि ये जरूरी है कि ध्यान संबंधों को स्थिर करने, मतभेदों को कम करने और अगले कदम उठाने पर होना चाहिए.

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