कांग्रेस दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. अलका लांबा इस सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी. वहां उनका मुकाबला दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी से होगा.आइए जानते हैं कि अलका लांबा कौन हैं.
कांग्रेस ने शुक्रवार विधानसभा चुनाव में कालकाजी विधानसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया. कांग्रेस ने वहां से अलका लांबा को टिकट दिया है. वहां उनका मुकबला दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी से होगा. छात्र नेता के रूप में राजनीति शुरू करने वाली कांग्रेस की तेज-तर्रार नेता अलका लांबा अभी कांग्रेस की महिला शाखा की प्रमुख हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने की वजह से कालकाजी विधानसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट हो गई है. इस सीट पर देशभर की नजरें लगी हुई हैं. बीजेपी ने अभी इस सीट से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है.आइए जानते हैं कि अलका लांबा कौन हैं और उनका राजनीतिक सफर कैसा रहा है.
अलका लांबा का राजनीतिक करियर
अलका लांबा का जन्म 21 सितंबर 1975 को हुआ था. दिल्ली विश्वविद्यालय से एमएससी-एमएड की पढ़ाई करने वाली अलका लांबा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र नेता के रूप 1994 में शुरू की थी. वह छात्र जीवन में ही कांग्रेस की छात्र शाखा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) में शामिल हो गई थीं.उसी के टिकट पर वह 1995 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष भी चुनी गई थीं. वह एनएसयूआई की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. इसके अलावा वो कांग्रेस में भी विभिन्न पदों प रह चुकी हैं. वो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व महासचिव रह चुकी हैं. वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की पूर्व सचिव हैं. महिलाओं के बीच कांग्रेस को और मजबूत बनाने के लिए अलका लांबा को पांच जनवरी 2024 को अखिल भारतीय महिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. वह ‘गो इंडिया फाउंडेशन’ के नाम से एक गैर सरकारी संगठन भी चलाती हैं.अलका लांबा ने 2003 के विधानसभा चुनाव में कद्दावर बीजेपी नेता मदन लाल खुराना के खिलाफ उम्मीदवारी की थी. लेकिन वो जीत नहीं पाई थीं.
The Central Election Committee has approved the candidature of Ms. @LambaAlka as Congress candidate to contest the forthcoming general election to the Legislative Assembly of Delhi from 51 – Kalkaji constituency. pic.twitter.com/GcNwTjtwvG
— Congress (@INCIndia) January 3, 2025
कांग्रेस की करीब 20 साल तक राजनीति करने के बाद अलका लांबा ने 26 दिसंबर 2013 को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई थीं. यह पार्टी उसी साल अस्तित्व में आई थीं. आम आदमी पार्टी ने 2015 के चुनाव में उन्हें चांदनी चौक विधानसभा सीट टिकट दिया था. इस चुनाव में उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार सुमन कुमार गुप्ता को करीब 19 हजार के भारी अंतर से हराया था. इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रहलाद सिंह साहनी को तीसरा स्थान मिला था.अलका लांबा चांदनी चौक की पहली महिला विधायक थीं.
आम आदमी पार्टी से मोहभंग
अलका आप में बहुत लंबे समय तक नहीं रह पाईं. सितंबर 2019 में जब आप विधानसभा में कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से ‘भारत रत्न’ वापस लेने का प्रस्ताव ला रही थी तो लांबा ने इसका विरोध किया. इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ दी. उसी महीने वो फिर कांग्रेस में शामिल हो गईं थी. इस दलबदल के बाद उन्हें दिल्ली विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
कांग्रेस ने 2020 के चुनाव में अलका लांबा को चांदनी चौक से टिकट दिया. लेकिन लांबा को भारी हार का सामना करना पड़ा. उन्हें केवल तीन हजार 881 वोट ही मिले. वो आम आदमी पार्टी के प्रहलाद सिंह साहनी के हाथों बुरी तरह हार गई थीं. साहनी को 50 हजार 891 वोट मिले थे. इस चुनाव में बीजेपी के सुमन कुमार गुप्ता को 21 हजार 307 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था.
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