October 28, 2024
क्या आप भी हैं ओवरस्लीपिंग के शिकार? जानें किस उम्र में कितना सोना चाहिए

क्या आप भी हैं ओवरस्लीपिंग के शिकार? जानें किस उम्र में कितना सोना चाहिए​

Oversleeping Problem : आजकल बहुत से लोग काम के कारण रात में बहुत लेट सोते है ऐसे में वे रात को पर्याप्त नींद नहीं ले पाते और सुबह देर तक सोते रहते हैं. यह एक सामान्य बात है.

Oversleeping Problem : आजकल बहुत से लोग काम के कारण रात में बहुत लेट सोते है ऐसे में वे रात को पर्याप्त नींद नहीं ले पाते और सुबह देर तक सोते रहते हैं. यह एक सामान्य बात है.

Oversleeping Problem : काम की व्यस्तता के चलते रात में देर तक जागना और सुबह देर से उठना आम बात हो गई है, लेकिन अगर कोई रात में पर्याप्त नींद लेकर भी सुबह जल्दी नहीं उठ पा रहा है तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है. इसे सामान्य भाषा में ओवरस्लीपिंग कहते है. ज्यादा सोने से स्वास्थ्य पर कई बुरे प्रभाव पड़ सकते है. किसी व्यक्ति को एक दिन में कितनी नींद लेनी चाहिए यह कई बातों पर निर्भर करता है जैसे उम्र या जीवनशैली. तो चलिए जानते हैं आज इस आर्टिकल की मदद से अधिक सोने के संभावित कारणों, लक्षणों और उपचारों के बारे में जानते है.

क्या है ओवरस्लीपिंग और किसे कितना सोना चाहिए? (What Is OverSleeping and How Much Sleep Is Too Much Sleep)

एक व्यक्ति को कितना सोना चाहिए?

एक एडल्ट व्यक्ति को हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद की जरूरत होती है, लेकिन यह अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकती है. जब कोई व्यक्ति जरूरत से ज़्यादा समय तक सोता है, तो इसे ओवरस्लीपिंग कहते हैं. ये समय 7-8 घंटे से अधिक हो सकता है.

नेशनल स्लीप फाउंडेशन की गाइड लाइन के अनुसार उम्र के हिसाब से कितना सोना पर्याप्त है?

उम्रएक दिन में कितना सोना चाहिए?0–3 महीने14–17 घंटे (झपकी मिला कर)4–11 महीने12–15 घंटे (झपकी मिला कर)1–2 साल11–14 घंटे (झपकी मिला कर)3–5 साल10–13 घंटे6–13 साल9–11 घंटे14–17 साल 8–10 घंटे18–64 साल 7–9 घंटे

नोट : 65 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों को 7–8 घंटे की नींद लेना चाहिए.

ओवरस्लीपिंग के कई कारण हो सकते है

कुछ लोगों को प्रर्याप्त आराम करने के लिए ज्यादा नींद की जरूरत पड़ती है. कई बार लम्बे समय तक बीमार रहने, कई दिनों तक अच्छी नींद न लेने, शारीरिक या मानसिक रूप से थकान होने पर भी व्यक्ति ज्यादा लम्बे समय तक सोता रहता है. नशीली दवाइयों का इस्तेमाल, शराब या सिगरेट का सेवन भी ज़्यादा सोने का कारण हो सकता है.

शारीरिक मेहनत का न होना या अधिक मोटापा भी ओवरस्लीपिंग का कारण बन सकता है. ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को लगातार ओवरस्लीपिंग की समस्या आ रही है तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. यह किसी अनजान स्वास्थ्य समस्या या नींद की बीमारी का संकेत हो सकता है.

कैसे रोकें ओवरस्लीपिंग?

ओवरस्लीपिंग की समस्या ज्यादातर मानसिक होती है. ऐसी स्थिति में आपको इस पर विचार करना चाहिए. ताकि ओवरस्लीपिंग को रोका जा सके. लेकिन अगर आप बीमार हैं तो आपको आराम के लिए अधिक नींद की जरूरत है. इसके उलट अगर आपको ज्यादा सोने का कारण पता नहीं है और आप हर दिन ज्यादा नींद ले रहे हैं, तो आपको जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.

फॉलो करें नियमित दिनचर्या

ओवरस्लीपिंग की समस्या को रोकने के लिए सोने और जागने के समय को निर्धारित करना बहुत जरूरी है. ऐसा करने से शरीर को एक नियमित दिनचर्या मिलती है. जिससे नींद भी नियमित हो जाती है.

दूर रहें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से

सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से दूरी बनाना भी बहुत जरूरी है. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे टीवी, मोबाइल से नीली रोशनी निकलती है, जो बॉडी क्लॉक को बिगाड़ देती है.

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