Yellow Teeth remedy : दांतों के पीले होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे खानपान, लाइफ स्टाइल, दवाइयों का सेवन और जिनेटिक. दांतों की सही देखभाल करना और समय-समय पर डेंटिस्ट से जांच करवाने से दांतों को स्वस्थ और सफेद रखा जा सकता है.
Yellow Teeth Causes : हर कोई चाहता है कि उनके दांत सफेद और चमकदार रहें, लेकिन अधिकतर लोग दांतों के पीलेपन से परेशान रहते हैं. जिसके कारण कई बार उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता है. खासकर युवा वर्ग दांतों के पीलापन को दूर करने के लिए महंगे टूथपेस्ट और माउथवॉश का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन फिर भी यह समस्या बनी रहती है. दांतों का पीलापन खानपान, जीवनशैली, और सही देखभाल की कमी के कारण भी हो सकता है, जिसे प्रॉपर ट्रीटमेंट और डेंटिस्ट की मदद से सुधारा जा सकता है. अगर नियमित ब्रशिंग, फ्लॉसिंग और प्रोफेशनल व्हाइटनिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए तो दांतों का पीलापन काफी हद तक कम किया जा सकता है.
पीले दांतों को कैसे चमकाएं? (How to Clean Yellow Teeth)
दांत पीले होने का कारण
पीले दांतों की असली वजह कई कारणों पर डिपेंड करती है. जिसमें सबसे आम कारण गलत खानपान है, जैसे कॉफी, चाय और कोल्ड ड्रिंक का सेवन, जो दांतों पर धब्बे छोड़ सकते हैं. इसके अलावा, तम्बाकू और सिगरेट भी दांतों को पीला बना सकते हैं क्योंकि इनमें मौजूद निकोटिन और टार दांतों के इनेमल में जम जाते हैं. दांतों की सही देखभाल न करने से प्लाक और बैक्टीरिया जमा होते हैं. जिससे दांत पीले हो सकते हैं. उम्र बढ़ने के साथ दांतों का इनेमल पतला होने लगता है जिससे दांतों का अंदरूनी हिस्सा जो पीला होता है दिखाई देने लगता है. फ्लोराइड का अत्यधिक उपयोग, कुछ दवाइयों का सेवन और जिनेटिक कारण भी दांतों के रंग को प्रभावित कर सकते हैं.
पीले दांतों को सफ़ेद कैसे जा सकता है
दांतों को सफेद और चमकदार बनाने के लिए कई तरह के उपाय किए जा सकते हैं. सबसे पहला कदम है, दांतों की सही देखभाल करना, जिसमें नियमित रूप से ब्रश करना और फ्लॉसिंग करना शामिल है. दिन में दो बार एक फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट से दांतों को अच्छी तरह से ब्रश करने से प्लाक और दागों को हटाया जा सकता है. इसके अलावा प्रोफेशनल क्लीनिंग (स्केलिंग) के लिए डेंटिस्ट के पास जाना भी एक अच्छा विकल्प है. जिससे दांतों की गहरी सफाई होती है और दाग कम होते हैं. व्हाइटनिंग टूथपेस्ट और होम व्हाइटनिंग किट्स का इस्तेमाल भी दांतों को हल्का सफेद बनाने में मदद कर सकता है लेकिन इनका इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए. यदि दांतों का पीलापन ज्यादा है तो ब्लीचिंग या लेज़र व्हाइटनिंग जैसी प्रोफेशनल प्रोसेस दांतों को सफेद करने में प्रभावी साबित हो सकती हैं. इसके अलावा, ताजगी बनाए रखने के लिए कॉफी, चाय और कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजों के सेवन से बचना चाहिए.
दांतों को बार-बार ब्लीचिंग करवाने से बचें
बार-बार ब्लीचिंग करवाने से दांतों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए इसे ज्यादा नहीं करना चाहिए. ब्लीचिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल दांतों के इनेमल (ऊपरी परत) को नुकसान पहुंचा सकते हैं. जिससे दांत ज्यादा सेंसिटिव हो सकते हैं और समय के साथ उनका रंग भी खराब हो सकता है. बार-बार ब्लीचिंग से दांतों में दरारें पड़ सकती हैं, जिससे कैविटी और कई तरह की दांतों की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इसके अलावा, ब्लीचिंग के केमिकल मसूड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं और सूजन या जलन का कारण बन सकते हैं. इसलिए, दांतों को सफेद और स्वस्थ बनाए रखने के लिए, ब्लीचिंग का इस्तेमाल केवल डेंटिस्ट की सलाह पर और एक निश्चित अंतराल पर ही किया जाना चाहिए ताकि दांतों की सुरक्षा बनी रहे.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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