November 26, 2024
क्या है मेवाड़ राजपरिवार का बवाल? जानिए उदयपुर सिटी पैलेस में मचे हंगामे की Abcd

क्या है मेवाड़ राजपरिवार का बवाल? जानिए उदयपुर सिटी पैलेस में मचे हंगामे की ABCD​

Udaipur Royal Family Dispute : मेवाड़ के पूर्व राजघराने का विवाद खुलकर सामने आ गया है. इसके कारण उदयपुर के सिटी पैलेस के बाहर जमकर हंगामा हुआ. आइये जानते हैं कि क्‍या है यह विवाद.

Udaipur Royal Family Dispute : मेवाड़ के पूर्व राजघराने का विवाद खुलकर सामने आ गया है. इसके कारण उदयपुर के सिटी पैलेस के बाहर जमकर हंगामा हुआ. आइये जानते हैं कि क्‍या है यह विवाद.

मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्‍य विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों को उदयपुर के सिटी पैलेस में प्रवेश नहीं करने देने को लेकर जमकर बवाल हुआ है. मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के मुखिया को गद्दी पर बैठाने के बाद अन्‍य रस्‍मों को निभाने के लिए विश्वराज अपने समर्थकों के साथ सिटी पैलेस पहुंचे थे. हालांकि उन्‍हें सिटी पैलेस में प्रवेश नहीं करने दिया गया और सिटी पैलेस के अंदर से पथराव किया गया. इसके बाद सिटी पैलेस के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. आइए जानते हैं कि मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार का विवाद क्‍या है और आखिर सिटी पैलेसे में मचे हंगामे की असल वजह क्‍या है?

भाजपा विधायक विश्वराज सिंह को सोमवार को चित्तौड़गढ़ के किले में आयोजित एक कार्यक्रम में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के मुखिया की गद्दी पर बैठाने की रस्म निभाई गई. विश्वराज के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ का इस महीने के शुरू में निधन हो गया था. विश्वराज को गद्दी पर बैठाने का ‘दस्तूर’ (रस्म) कार्यक्रम चित्तौड़गढ़ किले के फतहप्रकाश महल में आयोजित किया गया और इसमें कई राज परिवारों के प्रमुख शामिल हुए.

दोनों भाइयों में काफी समय से विवाद

महेंद्र सिंह और उनके अलग हुए छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच काफी वक्‍त से विवाद चल रहा है. अरविंद सिंह ने दस्तूर कार्यक्रम के तहत विश्वराज के एकलिंग नाथ मंदिर और उदयपुर में सिटी पैलेस में जाने के खिलाफ सार्वजनिक नोटिस जारी किया है.

आपसी पारिवारिक विवाद के बीच अरविंद सिंह मेवाड़ और उनके बेटे लक्ष्यराज सिंह ने इसे पूरी तरीके से गैरकानूनी कहा है. अरविंद सिंह मेवाड़ का कहना है कि मेवाड़ राजघराना एक ट्रस्ट के जरिए चलता है, जिसका संचालन उनके पिता ने उन्हें दे रखा है. ऐसे में राजगद्दी का अधिकार मेरे और मेरे बेटे का है.

इस तरह से जानिए क्‍या है विवाद

मेवाड़ के पूर्व राजघराने की नई पीढ़ियों में मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा है. इनका मैनेजमेंट 9 ट्रस्ट के पास है. राजघराने की गद्दी को संभालने के लिए महाराणा भगवत सिंह ने ‘महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन’ संस्था शुरू की. यह संस्था उदयपुर में सिटी पैलेस संग्रहालय चलाती है.

इन सभी ट्रस्ट को विश्वराज सिंह के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ और चचेरे भाई लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ ही संभालते हैं. अरविंद सिंह मेवाड़ इस चैरिटबल ट्रस्‍ट के चेयरमैन हैं.

जानिए कैसे हुई विवाद की शुरुआत

मेवाड़ में 1955 में भगवंत सिंह महाराणा बने. उनके जीवनकाल में ही संपत्ति को लेकर यह विवाद शुरू हो गया था. दरअसल, जब भगवंत सिंह ने मेवाड़ में अपनी पैतृक संपत्तियों को बेचना या लीज पर देना शुरू किया तो यह बात उनके बड़े बेटे महेंद्र सिंह को पसंद नहीं आई. नाराज महेंद्र सिंह ने अपने पिता के खिलाफ केस दायर कर दिया और पैतृक संपत्तियों को हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत बांटने की मांग की.

इसके बाद भगवंत सिंह ने 15 मई 1984 को अपनी वसीयत में छोटे बेटे अरविंद सिंह को संपत्तियों का एक्‍ज्‍यूक्‍यूटर बना दिया. साथ ही महेंद्र सिंह को ट्रस्‍ट और संपत्ति से बेदखल कर दिया गया. वहीं उसी साल तीन नवंबर को भगवत सिंह का निधन हो गया.

अरविंद सिंह के नियंत्रण में महल-मंदिर

मंदिर और महल दोनों ही अरविंद सिंह के नियंत्रण में हैं, जो उदयपुर में श्री एकलिंग जी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी हैं. उनके वकील की तरफ से अखबारों में दिये गये दो सार्वजनिक नोटिस में आरोप लगाया गया कि समारोह के नाम पर “आपराधिक अतिचार” करने का प्रयास किया जा रहा है और अनधिकृत व्यक्तियों का मंदिर और सिटी पैलेस में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. इस नोटिस के बाद सिटी पैलेस के गेट के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.

नोटिस में कहा गया है कि मंदिर ट्रस्ट ने ट्रस्ट द्वारा अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश देने का फैसला किया है. सिटी पैलेस में प्रवेश के लिए भी इसी तरह का नोटिस जारी किया गया. नोटिस में वकील ने कहा कि जबरन प्रवेश या किसी भी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

सिटी पैलेस पहुंचे थे विश्‍वराज सिंह

चित्तौड़गढ़ किले में कार्यक्रम के बाद विश्वराज और उनके समर्थक शाम को सिटी पैलेस में स्थित एक जगह और एकलिंगनाथजी मंदिर में दर्शन करने के लिए उदयपुर पहुंचे थे, लेकिन भारी पुलिस बल की तैनाती के कारण वे अंदर प्रवेश नहीं कर सके.

उनके समर्थकों ने बैरिकेडिंग लांघने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने विश्वराज और उनके समर्थकों से बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही.

सिटी पैलेस के अंदर से पथराव

उदयपुर के जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल और पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल भी सिटी पैलेस के गेट पर मौजूद थे. उन्होंने मामले को सुलझाने के लिए विश्वराज और उसके बाद अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे से बात की. हालांकि सिंह को प्रवेश नहीं दिया गया और वह सिटी पैलेस से कुछ मीटर दूर जगदीश चौक पर बैठे हैं.

इस बीच विश्वराज सिंह के कई समर्थक उनके समर्थन में जगदीश चौक पर एकत्र हुए. देर रात में सिटी पैलेस के अंदर से पथराव भी हुआ.

खून से राजतिलक की परंपरा

चित्तौड़ दुर्ग के फतेह प्रकाश महल में व‍िश्‍वराज सिंह को राजगद्दी पर बैठाया गया. इस दौरान तलवार की धार से अंगूठे को काटकर उनका राजतिलक किया गया. इस परंपरा का निर्वहन सलूंबर ठिकानेदार द्वारा किया जाता है. राजतिलक के बाद वि‍श्‍वराज स‍िंह मेवाड़ लोगों से मिले और उन्‍हें प्रयागगिरी महाराज की धूणी पर दर्शन करने और कुलदेवता एकलिंगजी महादेव मंद‍िर में पूजा-अर्चना करनी थी.

मेवाड़ की शासक परंपरा के अनुसार शासक खुद को एकलिंगनाथ जी का दीवान मानते हैं. ऐसे में विश्वराज सिंह इस परंपरा को निभाते हुए एकलिंगजी महादेव मंदिर में दर्शन करने जाना था.

चितौड़गढ़ से सांसद रहे थे महेंद्र सिंह

उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ का पिछले हफ्ते 83 साल की उम्र में निधन हो गया था। महेंद्र सिंह मेवाड़ 16वीं शताब्दी के राजपूत राजा महाराणा प्रताप के वंशज थे, जिन्होंने 1597 में अपनी मृत्यु तक मेवाड़ पर शासन किया था। महेंद्र सिंह 1989 में भाजपा के टिकट पर चित्तौड़गढ़ सीट से लोकसभा के लिए चुने गए थे। महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ राजसमंद जिले की नाथद्वारा सीट से भाजपा विधायक हैं। उनकी बहू महिमा कुमारी राजसमंद से भाजपा सांसद हैं.

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