December 17, 2024
क्यों नहीं हो सकती सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी, ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने जयराम रमेश को सुनाई खरी खरी

क्यों नहीं हो सकती सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी, ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने जयराम रमेश को सुनाई खरी-खरी​

केंद्रीय मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में इस विषय पर अपनी बात रखी थी, जिसका वीडियो शेयर करते हुए उन्‍होंने बताया कि तकनीकी और ऑपरेशनल कारणों से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की जा सकती है.

केंद्रीय मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में इस विषय पर अपनी बात रखी थी, जिसका वीडियो शेयर करते हुए उन्‍होंने बताया कि तकनीकी और ऑपरेशनल कारणों से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की जा सकती है.

सैटेलाइट स्‍पेक्‍ट्रम के आवंटन के तरीके को लेकर मची ‘रार’ के बीच कांग्रेस की आपत्ति के बाद केंद्रीय मंत्री ज्‍योतिरा‍दित्‍य सिंधिया ने ये स्‍पष्‍ट किया है कि ये नीलामी ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की बजाय प्रशासनिक प्रक्रिया के माध्‍यम से की जाएगी. कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार में हुए 2G स्‍कैम की चर्चा करते हुए सिंधिया ने कांग्रेस पर हमला भी बोला है. कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता जयराम रमेश की ओर से आपत्ति उठाने के बाद केंद्रीय मंत्री ने वैज्ञानिक और आर्थिक कारण गिनाए हैं कि क्‍यों सैटेलाइट स्‍पेक्‍ट्रम का आवंटन ऑक्‍शन यानी नीलामी के जरिए नहीं किया जाएगा.

2G स्‍कैम पर कांग्रेस नेता को खरी-खरी!

सीनियर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संसद में पूछे गए प्रश्न पर सरकार के जवाब की कॉपी शेयर करते हुए स्‍पेक्‍ट्रम आवंटन के एडमिनिस्‍ट्रेटिव तरीके पर सवाल उठाया था. उन्‍होंने कहा, ‘मोदी सरकार ने कई वर्गों की मांग के बावजूद, बिना नीलामी के, सैटेलाइट कम्‍युनिकेशन के लिए प्रशासनिक तरीके से स्पेक्ट्रम आवंटित करने का फैसला किया है. ये स्थिति PM मोदी की उस बात के उलट है, जिसका वे दावा करते रहे हैं.’

Well done @Jairam_Ramesh for coherently chronicling the abominable 2G scam, and spelling out how the Congress ended up digging its own grave then.

The country cannot forget this blot on India’s history; a scam that not just led to a colossal loss of Rs. 1,76,645 Crore to the… https://t.co/47fdngxNBA pic.twitter.com/68HNJpBBDU

— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) December 17, 2024

केंद्रीय मंत्री ने जयराम रमेश के X पोस्‍ट को री-पोस्‍ट करते हुए 2G स्‍कैम को लेकर कांग्रेस को लताड़ते हुए कहा, ‘जयराम रमेश को बधाई, जिन्होंने 2G घोटाले का सुसंगत वर्णन किया और बताया कि कांग्रेस ने किस तरह से अपनी कब्र खोदी.’ आगे उन्‍होंने लिखा कि देश के इतिहास पर लगे इस दाग (2G स्‍कैम) को कभी भूला नहीं जा सकता. ये एक ऐसा घोटाला था, जिससे सरकारी खजाने को 1,76,645 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा और साथ ही सरकार-कॉर्पोरेट गठजोड़ को उसका सबसे बुरा नाम भी दिया, जिसे ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ कहा जाता है.

उन्‍होंने लिखा, ‘UPA काल में, पहले आओ, पहले पाओ नीति के माध्यम से स्पेक्ट्रम आवंटित किया गया था, जिसके चलते बड़ा नुकसान हुआ, जबकि मोदी सरकार पारदर्शिता और जनहित को प्राथमिकता देती है.’

‘काश, न्‍यू टेलीकॉम एक्‍ट पढ़ा होता!’

केंद्रीय मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में इस विषय पर अपनी बात रखी थी, जिसका वीडियो शेयर करते हुए उन्‍होंने बताया कि तकनीकी और ऑपरेशनल कारणों से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की जा सकती है. उन्‍होंने जयराम रमेश पर निशाना साधते हुए कहा, ‘ये अंतर, नए टेलीकॉम एक्‍ट 2023 की अनुसूची 1 में भी दर्ज है. यदि आपने अधिनियम पढ़ा होता और संसद की कार्यवाही में अधिक सक्रिय रूप से भाग लिया होता, तो आप इस तरह के बेतुके निष्कर्ष नहीं निकालते और इस बारे में बेहतर जान पाते.

‘नहीं हो सकता है ऑक्‍शन, क्‍योंकि…’

सिंधिया ने बताया कि KU बैंड (14 गीगाहर्ट्ज) और KA बैंड (27.1 से 31 गीगाहर्ट्ज) में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम स्वाभाविक रूप से शेयर करने योग्‍य है, इसलिए इसे नीलामी के माध्यम से आवंटित करना न तो व्‍यवहारिक है और न ही जरूरी.

जहां PM मोदी के नेतृत्व में BJP ने हमेशा गवर्नेंस को मैक्सिमाइज करने की कोशिश की है, वहीं कांग्रेस का जनहित के नाम पर अपनी जेब भरने का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है.

ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया, केंद्रीय दूरसंचार मंत्री

अपने X पोस्‍ट में उन्‍होंने आगे कहा, ‘ये देखते हुए कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का अत्यधिक उपयोग किया जाता है, इसका आवंटन फेल होने से दो बड़े नुकसान होंगे. पहला- सरकारी खजाने को राजस्‍व का नुकसान और दूसरा- तकनीकी रूप से आगे बढ़ने के अवसर गंवाना, जो कि डिजिटल विभाजन को पाटने में मदद कर सकता है.

‘कोई देश सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं करता’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जो सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी करता हो क्योंकि इसकी नीलामी करना भौतिक रूप से असंभव है.

सिंधिया ने कहा, ‘सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने और अपने हितों की रक्षा के लिए ‘सहमति बनाने’ की कला में महारत हासिल की है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को शब्दशः पढ़ने से उस समय की UPA सरकार की मशीनरी की विफलता को कम नहीं किया जा सकता है.

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