Urine Incontinence : इनकॉन्टिनेंस व्हेन एक्सरसाइजिंग या व्यायाम के दौरान असंयमिता या मूत्र रिसाव हमारे कमजोर पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों के कारण होने वाले तनाव के कारण होने वाली दिक्कत का एक आम प्रकार है.
Urine Incontinence When Exercising: आजकल फिटनेस को लेकर जागरूक हो रहे लोगों को बीच नियमित तौर पर व्यायाम करने का चलन बढ़ रहा है. इस पॉजिटिव बदलाव के साथ ही सेहत से जुड़ी कुछ परेशानियों की पहचान भी होने लगी है. इनमें से एक है कसरत या व्यायाम करने के समय वॉशरूम तक जाने के लिए भी खुद पर कंट्रोल नहीं हो पाना. यानी कई बार एक्सरसाइज के दौरान ही थोड़ा-सा पेशाब आ जाने से जिम की ड्रेस गीली हो जाती है? आइए, जानते हैं कि इस समस्या का कारण, उसके जोखिम फैक्टर्स और उसका कारगर इलाज क्या है?
कसरत के दौरान क्यों हो जाता है हल्का पेशाब, क्या है ये दिक्कत? (Why does urine flow less during exercise, what is this problem?)
इनकॉन्टिनेंस व्हेन एक्सरसाइजिंग या व्यायाम के दौरान असंयमिता या मूत्र रिसाव हमारे कमजोर पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों के कारण होने वाले तनाव के कारण होने वाली दिक्कत का एक आम प्रकार है. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह दिक्कत ज्यादा होती है. व्यायाम के दौरान ऐसा अहसास करना निराशाजनक और शर्मनाक हो सकता है, लेकिन यह जितना आप सोच सकते हैं उससे भी कहीं अधिक आम एक्सपीरिएंस है. कई बार छींकने, खांसने, हंसते, झुकते, भारी सामान उठाते या संभोग करने में भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
आमतौर पर चिंता की बात नहीं, फिर कब होना चाहिए सावधान?
आमतौर पर, तेज गति की कसरतों के बीच इस दिक्कत का सामना करना पड़ता है. बच्चे को जन्म देना, कुछ सर्जरी करवाना, रजोनिवृत्ति से गुजरना और मोटापा जैसी अलग-अलग वजहों से कमजोर पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों के चलते व्यायाम के दौरान ऐसा होना स्वाभाविक है. अगर आप इसे केवल एक बार या बहुत कम बार अनुभव करते हैं तो फिर चिंता करने की कोई बात नहीं होती. ज्यादा बार ऐसा होने पर फौरन जरूरी कदम उठाना चाहिए. इसके लिए सबसे पहले पेल्विक फ्लोर व्यायाम जैसे उपचार को आजमाना चाहिए.
कैसे होता है इनकॉन्टिनेंस व्हेन एक्सरसाइजिंग का कारगर इलाज? (Effective Treatment for Incontinence When Exercising)
इस तरह की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों को शुरुआती पूछताछ के बाद डॉक्टर फुल बॉडी चेकअप और पेल्विक टेस्ट के लिए भेज देते हैं. मरीज और उसकी फैमिली की मेडिकल हिस्ट्री और टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर आगे न्यूरोलॉजिकल और अल्ट्रासाउंट टेस्ट की सिफारिश करते हैं. फिर वह जरूरी दवाई और पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज के बारे में बताते हैं. कई बार सर्जरी के जरिए या बिना सर्जरी के पेसरी और उसके जैसे छोटे मेडिकल टूल्स को भी यूरिनल सिस्टम में लगाया जाता है, जो मांसपेशियों को कंट्रोल कर लीकेज को रोकते हैं.
क्या हैं जोखिम के फैक्टर्स, किन तरीकों से करे रोकथाम और बचाव?
मेडिकल प्रोफेशनल्स के मुताबिक, इस समस्या से बचने के लिए लाइफ स्टाइल में भी कुछ जरूरी बदलाव करना चाहिए.मोटापा, स्मोकिंग, लगातार कई साल तक हाई इंटेंसिटी वाले गेम और स्पोर्ट्स, पुरानी खांसी, महिलाओं में नॉर्मल डिलीवरी और पेल्विक के आसपास की सर्जरी वगैरह इनकॉन्टिनेंस व्हेन एक्सरसाइजिंग के जोखिम के बढ़ाने वाले फैक्टर्स हैं.इसका ख्याल रखना चाहिए. इसके अलावा, अंडरवियर लाइनर और पैड पहनना, कसरत करने से पहले वॉशरूम जाना, कैफीन के सेवन को कम करना और पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज को नियमित तौर पर करना सेहत की इस समस्या से बचने में मददगार होता है. NDTV India – Latest