बता दें कि ’प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना’ का उद्देश्य लोगों को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराना है. साथ ही जेनेरिक दवाओं के बारे में जनता में जागरूकता पैदा करना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ के तहत गुजरात के पंचमहल में शुरू किए गए ‘जन औषधि केंद्र’ गरीबों के लिए ‘संजीवनी’ बन कर सामने आई है. गुजरात के पंचमहल में जिले के सबसे बड़े सिविल अस्पताल सहित कई जगहों पर ‘जन औषधि केंद्र’ खोले गए हैं. जन औषधि के इन स्टोर से सस्ते दरों पर दवाइयों का लाभ लोग उठा रहे हैं.
पंचमहल में ‘जन औषधि केंद्र’ के संचालक मेहुल रावल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 73वें जन्मदिन के अवसर पर 73 ‘जन औषधि केंद्र’ खोले गए. उन्होंने कहा कि जब से यह स्टोर खुला है, मैं यहां काम कर रहा हूं, और यहां मिलने वाली दवाइयां बाहर बिकने वाली दवाओं से काफी सस्ती हैं, साथ ही उनकी गुणवत्ता भी अच्छी है. इससे मरीजों को आर्थिक लाभ मिलता है, क्योंकि उन्हें जरूरी दवाइयां सस्ती कीमतों पर मिल जाती हैं. कुछ मरीज यहां पर ऐसे भी आते थे, जो मार्केट से महीने की 3 से 4 हजार रुपये की दवाइयां लेते थे. वही दवाइयां ‘जन औषधि केंद्र’ पर 700 से 800 रुपये में दवाइयां मुहैया कराई जा रही है. पीएम मोदी का मानना है कि दवा की कमी के कारण किसी व्यक्ति की मौत नहीं होनी चाहिए.
जन औषधि केंद्र से दवाइयां खरीद रहे प्रवीण सिंह राणा ने बताया कि मैं पहले बाहर से दवाइयां लेता था. लेकिन, यहां पर जन औषधि केंद्र खुलने के बाद मैं यहां से दवाइयां ले रहा हूं. यहां पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां मिल रही हैं. निजी मेडिकल स्टोर पर 100 रुपये में मिलने वाली दवा यहां 10 रुपये में मिल रही है. मैं लोगों को सलाह देना चाहता हूं कि वह भी इस जन औषधि केंद्र से दवाइयां लें. क्योंकि, इससे उनका आर्थिक बोझ कम होगा.
बता दें कि ’प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना’ का उद्देश्य लोगों को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराना है. साथ ही जेनेरिक दवाओं के बारे में जनता में जागरूकता पैदा करना है.
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