November 10, 2024
चिप का 'चैंपियन' बनेगा इंडिया, जानिए सिंगापुर में किस मिशन पर हैं पीएम मोदी

चिप का ‘चैंपियन’ बनेगा इंडिया, जानिए सिंगापुर में किस मिशन पर हैं पीएम मोदी​

पीएम मोदी का सिंगापुर दौरा भारत के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. इस दौरे पर दोनों देशों के बीच जिन भी समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं उससे भारत को खास तौर पर फायदा होने जा रहा है. भारत आने वाले समय में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में और तेजी से विकास करता हुआ दिख सकता है.

पीएम मोदी का सिंगापुर दौरा भारत के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. इस दौरे पर दोनों देशों के बीच जिन भी समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं उससे भारत को खास तौर पर फायदा होने जा रहा है. भारत आने वाले समय में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में और तेजी से विकास करता हुआ दिख सकता है.

भारत सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में जल्द ही एक ग्लोबल प्लेयर बनने की राह पर तेजी से बढ़ रहा है. पीएम मोदी (PM Modi) भी सेमीकंडक्टर क्षेत्र को लेकर अपनी प्रतिबद्धता पहले ही जता चुके हैं. पीएम मोदी ये कह चुके हैं कि आने वाला समय सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का होगा और इसमें भारत की भूमिका पूरे विश्व में निर्णायक होगी.पीएम मोदी (PM Modi) का सिंगापुर दौरा भी इस लक्ष्य की तरफ बढ़ने में एक बड़ा कदम साबित होने वाला है. अपने सिंगापुर दौरे पर पीएम मोदी ने कई बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए हैं. PM नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सिंगापुर में अपने समकक्ष लॉरेंस वोंग के साथ बैठक भी की है. इस बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि सिंगापुर सिर्फ एक भागीदार देश नहीं है, बल्कि हर विकासशील देश के लिए एक प्रेरणा है. हम भारत में कई सिंगापुर भी बनाना चाहते हैं और इसके लिए मिलकर प्रयास कर रहे हैं. हमारे बीच जो मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन हो रहा है, वो एक नेविगेशन सिस्टम है. स्किल, डिजटलाइजेशन, मोबिलिटी, एडवांस मैनिफ्रक्चरिंग, एआई, स्वास्थ्य सेवा, साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्र में सहयोग का प्रतीक बन गया हैं. आपको बता दें कि सिंगापुर को सेमीकंडक्टर की दुनिया का बादशाह कहा जाता है. ऐसे में भारत का सिंगापुर के साथ हुआ समझौता आने वाले समय में गेम चेंजर साबित हो सकता है.

सेमीकंडक्टर क्लस्टर बनाए जाएंगे

पीएम मोदी (PM Modi) के सिंगापुर दौरे के दौरान भारत और सिंगापुर के बीच कई अहम समझौते हुए हैं. अब से दोनों देश शिक्षा और एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में भी आपस में सहयोग बढ़ाएंगे. भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय ने सिंगापुर के साथ सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम मजबूत करने का भी समझौता किया है.

सिंगापुर से हुए इस समझौते से होंगे कई फायदे

जानकारों की मानें तो भारत और सिंगापुर के बीच सेमीकंडक्टर को लेकर हुए इन समझौतों से भारत को खासा फायदा होने वाला है. आपको बता दें कि इस समझौते से भारत को सबसे पहले सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में टैंलेंट को और डेवलप करने में मदद मिलेगी. इसके साथ-साथ ही सेमीकंडक्टर इंडस्ट्रियल पार्क मैनेजमेंट से जुड़ी जानकारियां भी एक दूसरे से साझा की जाएंगी. भारत में स्किल्ड लेबर की उपलब्धता सिंगापुर से ज्यादा है. ऐसे में अब सिंगापुर को भी और स्किल्ड लेबर मिल पाएंगे. भारत को सेमीकंडर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार करने में सिंगापुर की कंपनियों से मदद मिलेगी.

सेमीकंडक्टर की दुनिया में ग्लोबल पावर बन रहा है भारत

पीएम मोदी भारत को सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर लीडर के तौर पर भी स्थापित करना चाहते हैं. और इसके लिए वो लगातार काम भी कर रहे हैं. कुछ समय पहले पीएम मोदी ने अपने एक संबोधन में कहा कि भारत पहले ही स्पेस, न्यूक्लियर और डिजिटल पावर है. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आने वाले समय में भारत सेमीकंडक्टर सेक्टर में एक ग्लोबल लीडर बनेगा. आज हम जो फैसले ले रहे हैं जो नीतिया बना रहे हैं उसका फायदा हमें लंबे समय तक मिलेगा.

पीएम मोदी के अनुसार कि भारत की ग्रोथ का सबसे ज्यादा फायदा देश के युवाओं को होगा. मैं ये समझता हूं कि 21 वीं सदी, पूरी तरह से टेक्नोलॉजी ड्रिवेन होगी. और बगैर इलेक्ट्रॉनिक चिप के हम इसकी कल्पना तक नहीं कर सकते हैं. अगर मेड इन इंडिया चिप, भारत में डिजाइन होने वाले चिप की बात करें तो ये भारत को आत्मनिर्भर बनाने और आधुनिक बनाने की तरफ ले जाने में मददगार होगा.

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