चैत्र नवरात्र में वास्तु दोष करना चाहते हैं दूर, तो इन उपायों को आजमाएं​

 Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्र में सच्चे मन से की गई पूजा और व्रत करने से देवी दुर्गा की कृपा मिलती है और मनचाहे फल की प्राप्ति होती है.

Chaitra Navratri Remedies for Vastu Dosh: चैत्र नवरात्र का पर्व श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत उत्साह और श्रद्धा का विषय होता है. ये नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा के लिए समर्पित होते हैं. इस दौरान (Chaitra Navratri Significance) भक्तजन विधिपूर्वक मां दुर्गा की पूजा और व्रत करते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चैत्र नवरात्र के दौरान सच्चे मन से की गई उपासना और व्रत से देवी दुर्गा की कृपा मिलती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. चैत्र नवरात्र (When Is Chaitra Navratri 2025) के दौरान विभिन्न तरह के शुभ उपाय किए जाते हैं, जिनमें वास्तु दोष को दूर करने के उपाय भी शामिल हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार, वास्तु दोष के (Vastu Tips For Navratri) कारण व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं. ऐसे में, आइए जानते हैं कि चैत्र नवरात्र के अवसर पर किन उपायों को अपनाकर वास्तु दोष को दूर किया जा सकता है.

क्या हैं वास्तु दोष के उपाय – Chaitra Navratri Vastu Dosh Remedies

– चैत्र नवरात्र में वास्तु दोष को दूर करने के लिए मां दुर्गा की मूर्ति घर में स्थापित कर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें. ध्यान रखें कि प्रतिमा खंडित न हो. वास्तु शास्त्र के अनुसार, मां दुर्गा की प्रतिमा को घर के ईशान कोण में स्थापित करना अत्यंत शुभ माना जाता है. ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और वास्तु दोष से मुक्ति मिलती है. साथ ही, साधक पर मां दुर्गा की विशेष कृपा बनी रहती है.

– चैत्र नवरात्र में अखंड ज्योत जलाने का विशेष महत्व होता है. इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें. वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस उपाय को करने से सभी तरह के दोष दूर होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है.

– सनातन धर्म में देवी-देवताओं की आरती तेल या घी के दीपक से की जाती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, चैत्र नवरात्र में घी का दीपक जलाकर उसे दाहिनी ओर रखना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से वास्तु दोष समाप्त होता है और घर में मां दुर्गा का शुभ आगमन होता है.

चैत्र नवरात्र कब है, जानें तारीख और समय – Chaitra Navratri 2025 Start and End Date

वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 4:27 बजे शुरू होगी और 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी. इस तरह चैत्र नवरात्र का शुभारंभ 30 मार्च से होगा और इसका समापन 7 अप्रैल को होगा.

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 2025 – Chaitra Navratri Ghatasthapana Muhurat 2025

घट स्थापना के लिए शुभ समय प्रातः 6:13 बजे से 10:21 बजे तक रहेगा. इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 बजे से 12:50 बजे तक रहेगा. घट स्थापना की कुल अवधि 50 मिनट की होगी.

पूजा सामग्री की लिस्ट

आम के पत्ते, चावल, लाल कलावा, गंगाजल, चंदन, नारियल, कपूर, जौ, गुलाल, लौंग, इलायची, पांच पान, सुपारी, मिट्टी के बर्तन, फल, श्रृंगार का सामान, आसन, कमलगट्टा आदि.

जान लीजिए पूजा-विधि- Chaitra Navratri Puja Vidhi

प्रातः काल स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें.
पूजा स्थल की शुद्धि के लिए वहां गंगाजल का छिड़काव करें.
घर के मंदिर में दीप जलाएं करें.
मां दुर्गा का गंगाजल से अभिषेक करें.
मां को अक्षत, सिंदूर और लाल पुष्प अर्पित करें और प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं.
धूप एवं दीप जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और मां की आरती करें.
मां को भोग अर्पित करें, ध्यान रहे कि भोग में केवल सात्विक चीजें ही शामिल हों.

चैत्र नवरात्रि पर किस वाहन से आएंगी मां दुर्गा?

इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का आरंभ रविवार से हो रहा है, जिससे मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर धरती पर आएंगी. मां दुर्गा का हाथी पर आगमन अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है और देश की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है. इसी तरह, नवरात्रि का समापन 7 अप्रैल, सोमवार को भी हाथी पर प्रस्थान के साथ होगा, जो विशेष रूप से मंगलकारी माना जा रहा है. इस शुभ अवसर पर श्रद्धा और भक्ति भाव से मां दुर्गा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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