January 6, 2025
छत्तीसगढ़ के बीजपुर में लापता पत्रकार का शव सेप्टिक टैंक में मिला

छत्तीसगढ़ के बीजपुर में लापता पत्रकार का शव सेप्टिक टैंक में मिला​

एक जनवरी से लापता एक स्वतंत्र पत्रकार का शव शुक्रवार की शाम को छत्तीसगढ़ के बीजापुर की चट्टानपारा बस्ती में एक सेप्टिक टैंक में मिला. NDTV में सहयोग देने वाले रिपोर्टर मुकेश चंद्राकर की मौत ने पूरे क्षेत्र और पत्रकारिता जगत को झकझोर कर रख दिया है.

एक जनवरी से लापता एक स्वतंत्र पत्रकार का शव शुक्रवार की शाम को छत्तीसगढ़ के बीजापुर की चट्टानपारा बस्ती में एक सेप्टिक टैंक में मिला. NDTV में सहयोग देने वाले रिपोर्टर मुकेश चंद्राकर की मौत ने पूरे क्षेत्र और पत्रकारिता जगत को झकझोर कर रख दिया है.

एक जनवरी से लापता एक स्वतंत्र पत्रकार का शव शुक्रवार की शाम को छत्तीसगढ़ के बीजापुर की चट्टानपारा बस्ती में एक सेप्टिक टैंक में मिला. NDTV में सहयोग देने वाले रिपोर्टर मुकेश चंद्राकर की मौत ने पूरे क्षेत्र और पत्रकारिता जगत को झकझोर कर रख दिया है.

बीजापुर पुलिस ने पुष्टि की है कि मुकेश का शव एक ऐसे सेप्टिक टैंक में मिला जिसे हाल ही में कंक्रीट से सील किया गया था. उसके शरीर सूजा हुआ था और सिर व पीठ पर कई चोटें थीं. उसकी पहचान उसके कपड़ों से हुई. मुकेश के अंतिम ज्ञात मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने उसे एक ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के यार्ड में ट्रेस किया. वहीं उसका शव मिला.

पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने कहा, “ठेकेदार के कर्मचारी परिसर में रहते हैं और सुरेश चंद्राकर समेत कई लोगों से पूछताछ की जा रही है. हम जांच कर रहे हैं कि मुकेश की मौत का उसके हाल के किसी मामले से कोई संबंध है या नहीं. आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.”

मुकेश चंद्राकर बस्तर जंक्शन नाम से एक यूट्यूब चैनल भी चलाते थे, जिसके 1.59 लाख सब्सक्राइबर थे और यह बस्तर क्षेत्र के मुद्दों पर केंद्रित था. मुकेश और उनके भाई युकेश चंद्राकर, जो पत्रकार भी हैं, ने कम उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था. दोनों भाइयों ने अपने करियर में एक-दूसरे का साथ दिया.

अपनी निडरतापूर्ण रिपोर्टिंग के लिए मशहूर मुकेश ने अप्रैल 2021 में माओवादियों द्वारा अपहृत सीआरपीएफ कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास की रिहाई सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

मुकेश एक जनवरी को टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहनकर अपने घर से निकले थे. कुछ ही देर बाद उनका फोन बंद हो गया. जब वह घर नहीं लौटे, तो उनके भाई युकेश ने दोस्तों के घरों और पूरे शहर में उनकी तलाश शुरू कर दी और आखिरकार पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.

मुकेश चंद्राकर का शव मिलने से उनके परिवार और समाज में कोहराम मच गया है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उनकी मौत पर शोक व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि “दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.”

मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “बीजापुर के युवा और समर्पित पत्रकार मुकेश चंद्राकर जी की हत्या की खबर बेहद दुखद और हृदय विदारक है. मुकेश जी का जाना पत्रकारिता जगत और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है. इस घटना के दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाने के निर्देश दिए गए हैं.”

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