मणिपुर के जिरीबाम जिले में 11 नवंबर को सीआरपीएफ कर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए दस ‘उग्रवादियों’ के परिवार के सदस्य शवों को उन्हें सौंपने की मांग को लेकर मेडिकल कॉलेज के बाहर डेरा डाले हुए हैं.
मणिपुर के जिरीबाम में छह बंधकों की मौत के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने देर रात राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निजी आवास में घुसने की कोशिश की, जिससे हिंसा प्रभावित राज्य में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच एक और बड़ी झड़प हो गई. पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद समेत कुछ विधायकों के घरों में तोड़फोड़ भी की और उनकी संपत्तियों को आग लगा दी. जबकि सुरक्षा बलों ने इंफाल के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
जानें क्या है पूरा मामला
मणिपुर में लापता हुए छह लोगों के शव नदी के पास बरामद होने के बाद प्रदर्शनकारियों में खासा गुस्सा देखने को मिला. इन छह लोगों में आठ महीने का एक शिशु भी शामिल था. दरअसल मैतेई समुदाय के ये सभी लोग सोमवार को एक शरणार्थी शिविर से लापता हो गए थे. इन्हें कुकी-जो के उग्रवादियों ने तब जिरीबाम के बोकोबेरा से कथित रूप से अगवा कर लिया था, जब कुकी युवाओं के एक अन्य समूह के साथ सीआरपीएफ की मुठभेड़ चल रही थी. उस मुठभेड़ में 10 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए थे.
आंदोलनकारी ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार को 24 घंटे की समयसीमा दी है. सरकार से कहा कि सशस्त्र समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करें या फिर जनता के गुस्से का सामना करें .
इंटरनेट सेवाएं निलंबित
छह लोगों के शव मिलने के बाद शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया, जिसके बाद सरकार ने पांच जिलों में अनिश्चित काल के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी. साथ ही राज्य के 7 जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं गई है. पूरी इंफाल घाटी में बढ़ते तनाव को देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया है. एकअधिकारी ने बताया कि राज्य प्रशासन ने राज्य के मंत्रियों और विधायकों के आवासों में घुसे प्रदर्शनकारियों के मद्देनजर शनिवार शाम को सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं.
मणिपुर सरकार ने केंद्र से अफ्स्पा हटाने का आग्रह किया
मणिपुर सरकार ने केंद्र से राज्य के छह थानाक्षेत्रों में आने वाले इलाकों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफ्स्पा) की समीक्षा कर उसे हटाने का अनुरोध किया. केंद्र ने हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित मणिपुर के छह थानाक्षेत्रों में अफ्स्पा फिर से लागू कर दिया है. अफस्पा को मनमाने ढंग से फिर से लागू करने पर प्रदर्शनकारियों ने नाराजगी जताई है.
मिजोरम में ली मणिपुर के लोगों ने शरण
मिजोरम गृह विभाग के अनुसार, मणिपुर के 7,700 से अधिक लोग वर्तमान में राज्य के विभिन्न हिस्सों में शरण लिए हुए हैं. मिजोरम गृह विभाग ने एक बयान जारी कर आश्वस्त किया गया कि प्रदेश सरकार सभी बाहरी, विशेषकर मणिपुर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना जारी रखेगी. बयान में इस बात पर भी जोर दिया गया कि सरकार मिजोरम के बाहर रहने वाले विशेषकर मणिपुर में मिजो नागरिकों, विद्यार्थियों और प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगी. राज्य सरकार ने मणिपुर में हाल में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों व हिंसा में घायल हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की.
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