इस्लामिक कैलेंडर का शव्वाल का महीना था और इस महीने की 8 तारीख थी जिसमें अब्दुल वहाब सऊदी के किंग ने जन्नतुल बक़ी कब्रिस्तान को पूरी तरह से उसमें मौजूद कब्रों को ढहाने का निर्देश दिया, जिसके बाद उस कब्रिस्तान में कोई कब्र नहीं बची.
#RebuildBaqee ट्रेंड के तहत, सऊदी अरब सरकार के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कश्मीर और लद्दाख के सांसद ने पीएम मोदी से अपील की है कि जन्नतुल बकी में मोहम्मद साहब की बेटी और उनके परिवार के सदस्यों की कब्र को फिर से बनाया जाए. 1925 में इस कब्र को ढहा दिया था.
जन्नतुल बक़ी क्या है?
925 में सऊदी हुकूमत ने इस्लाम के आखिरी पैगम्बर मोहम्मद साहब की बेटी हजरत फातिमा जहरा के रोज़े को ढहा दिया था. ये कब्र मदीने में मौजूद कब्रिस्तान है जिसका नाम जन्नतुल बक़ी है. इस जन्नतुल बक़ी कब्रिस्तान में न सिर्फ मोहम्मद साहब की बेटी फातिमा ज़हरा की कब्र है, बल्कि इसमें उनकी बीवी, उनके दादा और नवासे इमाम हसन समेत कई उनके साथियों की कब्र मौजूद है, जिसे 1925 में ढहा दिया गया था. 1925 से लेकर आज तक 100 साल हो चुके हैं. जिसको रिबिल्ड करने के लिए हर साल प्रदर्शन किया जाता है.
USA, इंडिया समेत विश्वभर में हो रहे हैं प्रदर्शन
इस्लामिक कैलेंडर का शव्वाल का महीना था और इस महीने की 8 तारीख थी जिसमें अब्दुल वहाब सऊदी के किंग ने जन्नतुल बक़ी कब्रिस्तान को पूरी तरह से उसमें मौजूद कब्रों को ढहाने का निर्देश दिया, जिसके बाद उस कब्रिस्तान में कोई कब्र नहीं बची. बस निशान के तौर पर कुछ पत्थर कब्र की निशानी के साथ बच सके हैं. इसी को देखते हुए विश्व भर में सऊदी हुकूमत के लिए विरोध प्रदर्शन हुआ. साथ ही वहां पर फिर से फातिमा ज़हरा की कब्र को श्राइन के रूप में बनाने की अपील की. साथ ही UN, सऊदी सरकार आदि को मेमोरेंडम दिए गए हैं जिसमें जन्नतुल बक़ी को फिर से बनाने के लिए अपील की गई. वहीं दिल्ली के जंतर मंतर, लखनऊ, जौनपुर, हैदराबाद, मुंबई, कर्नाटका आदि में जगह जगह प्रदर्शन हुए. ऐसे में ना सिर्फ मुस्लिम ही.. बल्कि कई धर्मों के धर्म गुरू भी प्रदर्शन में शामिल हुए.

जिस तरह गल्फ कंट्री में मंदिर तक का निर्माण पीएम मोदी की कोशिश से हुआ. वहीं सूफी इस्लामिक बोर्ड ने पीएम मोदी से अपील कि वो मुस्लिमों के लिए सबसे महत्वपूर्ण महिला हजरत फातिमा ज़हरा का श्राइन सऊदी में बनाया जाए. ऐसे में पीएम मोदी को लेटर लिखकर सुफी इस्लामिक बोर्ड ने इस मामलों को उठाने की पीएम मोदी से अपील की है. वहीं, सांसद मोहम्मद हनीफा जान ने एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए कहा कि मैं पीएम से गुज़ारिश करुंगा कि सऊदी अरब सरकार से बात करके जन्नतुल बकी में फिर से मोहम्म्द साहब की बेटी का श्राइन बनें. और जिससे वो फिर से रिबिल्ड हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए वो खुद पीएम को खत लिखेंगे.
वहीं, Baqee.org के प्रोग्राम में शामिल हुए श्रीनगर के सांसद आगा रुहुल्लाह ने कहा कि वो भी बकी संगठन की ये मांग कि जन्नतुल बकी में फिर से कब्रे बन सके. उसको पीएम मोदी और सरकार तक लेकर जाएंगे और वो मेमोरेंडम भी देंगे कि इस मामले में मुस्लिमों के लिए पहल करें.
‘ओरंगज़ेब की कब्र नहीं, हमें मोहम्मद साहब की बेटी की कब्र चाहिए’
विरोध प्रदर्शन में शामिल होने आए लोगों का कहना है कि आज के कई मुसलमान ओरंगज़ेब की कब्र के लिए तो विरोध प्रदर्शन करते हैं.. लेकिन रसूल की बेटी उजड़ गई है. उसके लिए कोई विरोध प्रदर्शन सऊदी अरब सरकार के लिए नहीं. मौलाना कल्बे रुशेद रिज़वी ने कहा कि हम सबको ईमेल के ज़रिए पीएम मोदी, भारत सरकार और यूएन तक इस अपील को पहुंचाना चाहिए.. जिससे दुनिया तक इस दर्द को समझा जा सके.
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