November 29, 2024
'जर्मनी की बजाय भारत में निवेश करना समझदारी...': म्यूनिख में एक सीईओ ने ये कहकर गिनाए कारण

‘जर्मनी की बजाय भारत में निवेश करना समझदारी…’: म्यूनिख में एक सीईओ ने ये कहकर गिनाए कारण​

Rising India Story: भारत अब अपने वैभव को वापस पाने की दिशा में चल पड़ा है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के विकास को अब दुनिया भर के लोग मान रहे हैं और इससे जुड़ना चाह रहे हैं...

Rising India Story: भारत अब अपने वैभव को वापस पाने की दिशा में चल पड़ा है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के विकास को अब दुनिया भर के लोग मान रहे हैं और इससे जुड़ना चाह रहे हैं…

India Growth Story: भारत का असर दुनिया के सिर चढ़कर बोल रहा है. यही कारण है कि जर्मनी के म्यूनिख में एक सीईओ ने तो यहां तक कह दिया कि जर्मनी की बजाए भारत में निवेश करना अभी समझदारी है. अपनी राय के पक्ष में सीईओ ने कारण भी गिनाए. इंगो शमित्ज मैनेजमेंट कंसल्टिंग (ISMC) के सीईओ इंगो शमित्ज ने कहा, ‘हम 20 साल से जर्मनी और यूरोपीय कंपनियों को भारत में निवेश के लिए समर्थन दे रहे हैं. भारत अब एक नया बिजनेस मॉडल अपना रहा है. भारत एक सप्ताह से लेकर 30 दिनों के भीतर बिजनेस करने का अप्रूवल दे रहा है.इससे भारत में निवेश करना आसान हो गया है. भारत में निवेश करने का एक बड़ा लाभ विशेष रूप से जर्मनी के लिए ये है कि हमारे पास स्किल मैनपावर की कमी है. इसलिए जर्मनी की बजाय भारत में किसी भी तरह का निवेश करना समझदारी होगी’.

#WATCH | Munich, Germany: CEO ISMC (Ingo Schmitz Management Consulting) Ingo Schmitz says, “For 20 years we have been supporting German and European companies to invest in India. The new unique business model that India is adopting with regards to approvals within a week, within… pic.twitter.com/GZkT9gJPnX

— ANI (@ANI) November 28, 2024

दरअसल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने विदेशी प्रवास के दौरान बृहस्पतिवार को जर्मनी के म्यूनिख पहुंचे. मुख्यमंत्री ब्रिटेन की यात्रा के बाद जर्मनी पहुंचे. उन्होंने म्यूनिख स्थित बवेरिया प्रांत के चांसलरी प्रमुख और संघीय एवं मीडिया विभाग के मंत्री डॉ. फ्लोरियन हैरमेन से संवाद भी किया. उन्होंने म्यूनिख के एक होटल में वहां के उद्यमियों से ‘मध्य प्रदेश में निवेश के मौके’ (Investment Opportunities In Madhya Pradesh) इंटरएक्टिव सत्र के जरिए बात की. यहां उन्होंने कहा कि जर्मनी और मध्य प्रदेश सरकार के समन्वय से रोजगार के नए आयाम स्थापित किए जाएंगे. जर्मनी में काम के अनेक अवसर तो हैं, परंतु भाषाई चुनौती भी है. इसे दूर करने के लिए मध्य प्रदेश में लैंग्वेज इंस्टीट्यूट खोलने की योजना बना रहे हैं, जिससे रोजगार के अवसरों के लिए भाषा चुनौती न बने और मध्य प्रदेश तथा जर्मनी के अधिकारियों के मध्य समन्वय के साथ भाषाई सहजता से काम हो सके.

जल्द भोपाल में होगा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विदेशी दौरे के बाद भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा. इसमें हमने जर्मनी के प्रतिनिधियों और उद्योगपतियों को भी आमंत्रित किया है. दोनों पक्षों को अधिकारियों को एक-दूसरे के यहां भेजने में प्रशासनिक स्तर पर जो कठिनाइयां आती हैं, उनको दूर किया जाएगा. इससे व्यापार और व्यवसाय की राह में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में मदद मिलेगी.

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