November 5, 2024
झारखंड चुनाव: अमित शाह के घुसपैठ के आरोप पर हेमंत सोरेन का जवाब शेख हसीना को शरण कैसे दी?

झारखंड चुनाव: अमित शाह के घुसपैठ के आरोप पर हेमंत सोरेन का जवाब- शेख हसीना को शरण कैसे दी?​

Jharkhand Assembly Elections: बीजेपी के घोषणापत्र और केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की "घुसपैठ" पर टिप्पणी पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सोरेन ने कहा है कि बांग्लादेश से घुसपैठ बीजेपी शासित राज्यों के माध्यम से होती है. उन्होंने सवाल किया कि केंद्र ने किस आधार पर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को शरण दी है?

Jharkhand Assembly Elections: बीजेपी के घोषणापत्र और केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की “घुसपैठ” पर टिप्पणी पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सोरेन ने कहा है कि बांग्लादेश से घुसपैठ बीजेपी शासित राज्यों के माध्यम से होती है. उन्होंने सवाल किया कि केंद्र ने किस आधार पर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को शरण दी है?

Jharkhand Assembly Elections: बीजेपी के घोषणापत्र और केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की “घुसपैठ” पर टिप्पणी पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सोरेन ने कहा है कि बांग्लादेश से घुसपैठ बीजेपी शासित राज्यों के माध्यम से होती है. उन्होंने सवाल किया कि केंद्र ने किस आधार पर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को शरण दी है?

सोरेन ने गढ़वा विधानसभा सीट के रांका में रविवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, “मैं जानना चाहता हूं कि क्या बीजेपी का बांग्लादेश के साथ किसी तरह का आंतरिक समझौता है.”

उन्होंने कहा, “कृपया हमें बताएं कि किस आधार पर आपने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री को भारत में आने और शरण लेने की इजाजत दी. बांग्लादेश से घुसपैठिए बीजेपी शासित राज्यों के जरिए भारत में प्रवेश करते हैं. वे खुद यह कह रहे हैं.”

शनिवार को बीजेपी का घोषणापत्र जारी करते हुए अमित शाह ने राज्य पर घुसपैठियों को “पनाह” देने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था, “आपने घुसपैठियों को पनाह दी है. आपने घुसपैठियों को अपना वोटबैंक बना लिया है. आज मैं झारखंड की जनता को बताना चाहता हूं कि तुष्टिकरण की राजनीति को खत्म करके बीजेपी घुसपैठियों को बाहर निकालेगी और झारखंड का नए सिरे से निर्माण करेगी.”

हालांकि, घुसपैठ कोई बड़ा चुनावी मुद्दा बनने की संभावना नहीं है. इसके बजाय एक दूसरे मुद्दे के चुनाव प्रचार में ज्यादा हावी रहने के आसार हैं. यह मुद्दा समान नागरिक संहिता लागू करने का बीजेपी का वादा है.इससे राज्य के आदिवासी बहुल इलाकों में विवाद पैदा हो गया है.

बीजेपी का घोषणापत्र जारी करते हुए शनिवार को अमित शाह ने यह स्पष्ट कर दिया था कि आदिवासी आबादी अपने विविध रीति-रिवाजों और प्रथाओं के साथ समान नागरिक संहिता के दायरे से बाहर रखी जाएगी.

झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने इसको चुनौती दी है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने कहा, “अगर वे केंद्रीय गृह मंत्री की हैसियत से बोल रहे हैं तो यह गलत है. अगर वे बीजेपी के नेता के तौर पर बोल रहे हैं तो ठीक है. वैसे भी वे आदतन झूठ बोलने वाले हैं.” उन्होंने कहा, “आप यह क्यों कह रहे हैं कि आदिवासी यूसीसी के दायरे से बाहर रहेंगे? क्योंकि आपने उन्हें यूसीसी में शामिल कर लिया है.”

झारखंड के लिए बीजेपी के “संकल्प पत्र” में राज्य के गठन के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 25 वादे शामिल हैं. इनमें से प्रमुख हैं महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजना “गोगो दीदी.” इसके तहत महिलाओं को 2100 रुपये प्रति माह देने का वादा किया गया है. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा की मैय्या सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह मिलते हैं. बीजेपी ने त्योहारों के दौरान मुफ्त रसोई गैस और राज्य में युवाओं को 5 लाख नौकरियां देने का भी वादा किया है.

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