झारखंड में फिर हेमंत सरकार, 24 साल में पहली बार किसी गठबंधन को मिला पूर्ण बहुमत​

 सत्तारूढ़ गठबंधन की अगुवाई करने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 34 सीटों पर जीत दर्ज की है. वर्ष 2019 के चुनाव में उसने 30 सीटें हासिल की थीं. कांग्रेस ने भी वर्ष 2019 का प्रदर्शन बरकरार रखते हुए 16 सीटों पर जीत दर्ज की है.

 निर्वाचन आयोग ने झारखंड विधानसभा की सभी 81 सीटों के चुनाव परिणाम घोषित कर दिए हैं. हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले चार पार्टियों के गठबंधन ने कुल 56 सीटों पर जीत दर्ज की है. राज्य के 24 वर्षों के इतिहास में पहली बार कोई गठबंधन दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है. हेमंत सोरेन का फिर से गठबंधन का नेता चुना जाना तय है और वह राज्य में चौथी बार सीएम पद की शपथ लेने वाले पहले नेता होंगे.

सत्तारूढ़ गठबंधन की अगुवाई करने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 34 सीटों पर जीत दर्ज की है. वर्ष 2019 के चुनाव में उसने 30 सीटें हासिल की थीं. कांग्रेस ने भी वर्ष 2019 का प्रदर्शन बरकरार रखते हुए 16 सीटों पर जीत दर्ज की है. राष्ट्रीय जनता दल को 4 और सीपीआई एमएल को 2 सीटों पर जीत मिली है.

दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है. उसके उम्मीदवारों ने 21 सीटों पर जीत हासिल की है. पिछले चुनाव में उसे 25 सीटें मिली थीं. एनडीए के अन्य साझेदारों में आजसू पार्टी, जदयू और एलजीपी (आर) को एक-एक सीटों पर जीत मिली है.

अकेले चुनाव लड़ने वाली झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा नामक नई पार्टी ने एक सीट हासिल की है. इस पार्टी के अध्यक्ष जयराम कुमार महतो गिरिडीह जिले की डुमरी सीट पर हेमंत सोरेन सरकार की मंत्री बेबी देवी को पराजित किया है.

भारतीय जनता पार्टी को इस बार भी अनुसूचित जनजाति यानी आदिवासी के लिए सुरक्षित सीटों पर जबरदस्त शिकस्त मिली है. ऐसी कुल 28 सीटों में से मात्र एक सरायकेला की सीट भाजपा के हिस्से आई है, जहां पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने जीत हासिल की है.

हेमंत सोरेन सरकार के चार मंत्री चुनाव हार गए हैं. जमशेदपुर पश्चिमी सीट पर कांग्रेस कोटे के मंत्री बन्ना गुप्ता को जदयू के सरयू राय ने पराजित कर दिया है. गढ़वा सीट पर झामुमो कोटे के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर को भाजपा के सत्येंद्र नाथ तिवारी ने हरा दिया है. डुमरी सीट पर झामुमो कोटे की मंत्री बेबी देवी को जेएलकेएम के जयराम कुमार महतो ने हराया है, जबकि लातेहार सीट पर झामुमो कोटे के मंत्री बैद्यनाथ राम को भाजपा के प्रकाश राम ने पराजित किया है.

अन्य हाई प्रोफाइल सीटों की बात करें तो हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन गांडेय सीट से और उनके छोटे भाई बसंत सोरेन ने दुमका सीट से जीत हासिल की है. चंदनकियारी सीट पर विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष भाजपा के प्रत्याशी अमर कुमार बाउरी भी न सिर्फ चुनाव हार गए हैं, बल्कि तीसरे नंबर पर चले गए. यहां झामुमो के उमाकांत रजक ने जीत दर्ज की है.

झामुमो-कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं में एकमात्र चंपई सोरेन अपनी सीट बचाने में सफल रहे, जबकि सीता सोरेन, गीता कोड़ा और लोबिन हेंब्रम चुनाव हार गए हैं. चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन भी घाटशिला सीट पर और पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा पोटका सीट पर चुनाव हार गईं. पूर्व सीएम और ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू ने जमशेदपुर पूर्वी सीट पर जीत दर्ज की है. उन्होंने यहा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अजय कुमार को पराजित किया है.

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