सर्दियां आते ही दिल्ली ही हवा में सांस लेना मुश्किल हो जाता है. शहर की आबोहवा में घुला जहर सांस के जरिए इंसान के शरीर में पहुंचता है और इसका सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है. यही वजह है कि जैसे-जैसे दिल्ली का एक्यूआई ऊपर जाता है, वैसे-वैसे दिल्ली में सांस संबंधी दिक्कतों के मामले भी बढ़ जाते हैं.
देश की राजधानी दिल्ली की हवा (Delhi Air Pollution) में घुलता जहर एक बार फिर लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है. शहर की हवा किस कदर प्रदूषित हो चुकी है इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि अब शहर में एक्यूआई कई जगहों पर 400 के पार पहुंच चुका है. आज सुबह 6 बजे का औसत एक्यूआई 418 दर्ज किया गया. इससे पहले नवंबर के महीने में कई दिनों तक इतना जहर घुला था कि एक्यूआई 500 के स्तर को भी छू गया था. अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो एक बार फिर से दिल्ली का एक्यूआई 500 के आंकड़े को छू सकता है.
दिल्ली में फिर लागू हुआ GRAP-4
दिल्ली मेंं लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से सरकार ने एक बार फिर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी GRAP-4 की पाबंदियां लागू कर दी हैं. इससे पहले ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू कर दी गई थी. लेकिन बढ़ते प्रदूषण की वजह से ग्रैप-4 को लागू करना पड़ा. दिल्ली का औसत AQI सोमवार रात 9 बजे बढ़कर 399 हो गया था. रात 10 बजे 400 के आंकड़े को पार कर गया. जिसके बाद सरकार ने GRAP-4 लगाने का ऐलान किया. इससे पहले सोमवार सुबह ही GRAP-3 की पाबंदियां लागू की गई थी.
दिल्ली की हवा में कहां कितना जहर
GRAP- 4 के दौरान किन कामों पर रोक?
हाइब्रिड मोड में चलेगी क्लासेस
ग्रैप-4 के प्रभावी होने के साथ ही हाईवे और फ्लाईओवर जैसी प्रमुख सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण एवं तोड़फोड़ गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा. साथ ही गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक रहेगी. ग्रैप के चौथे चरण के प्रभावी होने पर दिल्ली में 10वीं और 12वीं क्लास को छोड़कर सभी क्लास ‘हाइब्रिड मोड’ में संचालित होंगी. इससे पहले दिन में सीएक्यूएम ने एक रिव्यू मीटिंग के बाद जीआरएपी के तहत तीसरे चरण के प्रतिबंधों की घोषणा की थी.
बढ़ते प्रदूषण से ऑड-ईवन पर विचार
ग्रैप के चौथे चरण के प्रतिबंधों के अनुसार दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में कक्षा 6-9 और 11वीं के छात्रों के लिए कक्षाएं ‘हाइब्रिड मोड’ में होनी चाहिए. चरण-3 के तहत कक्षा 5वीं तक की क्लास को ‘हाइब्रिड मोड’ में करना जरूरी है. चौथा चरण लागू होने पर सरकारी और निजी ऑफिस को केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों को ही कार्यालय में काम करने की अनुमति देने का निर्णय लेना चाहिए, जबकि शेष कर्मचारी घर से काम करेंगे. राज्य कॉलेज, गैर-जरूरी व्यवसाय बंद करने और वाहनों पर ऑड-ईवन प्रतिबंध लागू करने जैसे अतिरिक्त उपायों पर विचार कर सकते हैं.
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