दिल्ली की हवा में ज़हर, ख़तरनाक़ हो गया है ये शहर; 10 पॉइन्ट्स में जान लें पूरा मामला​

 दिल्ली मेट्रो ने त्योहारी सीजन और दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए अतिरिक्त ट्रेन चलाने की घोषणा की है और भीड़भाड़ और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लोगों को सार्वजनिक परिवहन चुनने की अपील की है.

सर्दियों के आगमन के साथ ही दिल्लीवासियों को शुक्रवार सुबह और शाम के समय सर्द हवाओं का सामना करना पड़ा तथा शहर की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गयी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार राजधानी का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 292 दर्ज किया गया.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जो सामान्य से चार डिग्री अधिक है.दिन के दौरान आर्द्रता का स्तर 51 प्रतिशत से 91 प्रतिशत के बीच रहा.मौसम विभाग ने शनिवार को आसमान साफ ​​रहने का अनुमान जताया है.अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.

शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ तथा 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. त्योहारी सीजन के लिए दिल्ली मेट्रो चलाएगी अतिरिक्त ट्रेन, प्रदूषण को लेकर की अपील

दिल्ली मेट्रो ने त्योहारी सीजन और दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए अतिरिक्त ट्रेन चलाने की घोषणा की है और भीड़भाड़ और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लोगों को सार्वजनिक परिवहन चुनने की अपील की है.दिल्ली मेट्रो ने घोषणा की है क‍ि त्योहारी सीजन और शहर में प्रदूषण के स्तर के कारण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के विभिन्न चरणों के संभावित कार्यान्वयन को देखते हुए अतिरिक्त ट्रेन चलाई जाएगी.दिल्ली मेट्रो ने कहा कि जब भी जीआरएपी स्टेज-II लागू होगा. डीएमआरसी सभी लाइनों पर सप्ताह के दिनों में 40 अतिरिक्त मेट्रो ट्रेन चलाएगी. इसके अलावा, जब जीआरएपी स्टेज III या उससे ऊपर लागू किया जाएगा, तो 20 अतिरिक्त ट्रिप जोड़े जाएंगे. इस पहल से लोग वायु प्रदूषण के संपर्क में आए बिना लंबी दूरी की यात्रा कर सकेंगे.उन्होंने कहा कि त्योहारों का मौसम नजदीक आ रहा है, इसलिए दिल्ली मेट्रो लोगों से सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने का आग्रह करती है.त्योहारों के दौरान यात्रा में वृद्धि के साथ, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग स्वच्छ पर्यावरण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है और यह लागत प्रभावी, सुविधाजनक और तनाव मुक्त भी है.

दिल्ली मेट्रो ने निर्देश जारी करते हुए यह भी कहा कि त्योहारी सीजन में अक्सर ट्रैफिक बढ़ जाता है, जिससे सड़कों पर भीड़भाड़ बढ़ जाती है और यात्रा का समय बढ़ जाता है. सार्वजनिक परिवहन का विकल्प चुनकर लोग सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करने, भीड़भाड़ कम करने और सभी के लिए यात्रा को आसान बनाने में मदद कर सकते हैं. इस त्योहारी/सर्दियों के मौसम में, आइए हम सब मिलकर सभी के लिए स्वच्छ, हरित और अधिक आनंददायी वातावरण का समर्थन करें. दिल्ली मेट्रो जनता को आमंत्रित करती है कि वे इसे एक पसंदीदा सार्वजनिक परिवहन विकल्प के रूप में मानते हुए अपनी यात्रा की योजना बनाएं.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने शहर में ‘‘बहुत खराब” वायु गुणवत्ता वाले 13 स्थानों पर प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान करने और उन्हें कम करने के लिए समन्वय समितियों का गठन किया है. राय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरी दिल्ली ‘खराब’ हवा में सांस ले रही है, लेकिन 13 ‘हॉटस्पॉट’ में वायु की गुणवत्ता बहुत खराब’ है, जहां एक्यूआई 300 को पार कर गया है.

‘हॉटस्पॉट’ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां प्रदूषण का स्तर अधिक है.

इन 13 स्थानों में नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर के पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी और द्वारका सेक्टर-8 शामिल हैं.

एक बयान में कहा गया है कि एक बैठक में राय ने अधिकारियों को प्रदूषण संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया. राय ने कहा कि समितियों का नेतृत्व दिल्ली नगर निगम के उपायुक्त करेंगे.

उन्होंने कहा कि सभी ‘हॉटस्पॉट’ पर डीपीसीसी इंजीनियर को भी तैनात किया गया है और वे ‘पॉल्यूशन वॉर रूम’ को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.

उन्होंने कहा कि 13 ‘हॉटस्पॉट’ पर 300 से अधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के लिए धूल कणों को प्रमुख कारकों में से एक के रूप में पहचाना गया है. उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में हवा में धूल कणों को कम करने के लिए 80 मोबाइल ‘एंटी-स्मॉग गन’ तैनात की गई हैं.

राय ने एक ‘हॉटस्पॉट’ में प्रदूषण के कारणों पर कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश से आने वाली बीएस-3 और बीएस-4 डीजल बसों के साथ-साथ एनसीआरटीसी का निर्माण कार्य आनंद विहार में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है.”

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