November 10, 2024
दिल्ली टु हरियाणा वाया चंडीगढ़: आप और कांग्रेस की 'दोस्ती' की कहानी

दिल्ली टु हरियाणा वाया चंडीगढ़: आप और कांग्रेस की ‘दोस्ती’ की कहानी​

हरियाणा में 5 अक्टूबर को चुनाव होना है और इसका परिणाम 8 अक्टूवर को आएगा. विधानसभा चुनाव से पहले ये कयास लगाए जा रहे हैं कि आप और कांग्रेस (AAP-Congress) की ये पुरानी जोड़ी हरियाणा में भी साथ आ सकती है.

हरियाणा में 5 अक्टूबर को चुनाव होना है और इसका परिणाम 8 अक्टूवर को आएगा. विधानसभा चुनाव से पहले ये कयास लगाए जा रहे हैं कि आप और कांग्रेस (AAP-Congress) की ये पुरानी जोड़ी हरियाणा में भी साथ आ सकती है.

हरियाणा में जल्द विधानसभा चुनाव होने को हैं. इस बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस (AAP Congress) एक बार फिर से गठबंधन के तहत चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. हालांकि सीट बंटवारे पर दोनों के बीच बातचीत का दौर जारी है. खबरों के मुताबिक आम आदमी पार्टी चाहती है कि हरियाणा की 90 सीटों में से उसे कम से कम 10 सीटें मिलें तो वहीं कांग्रेस 7 सीटें ही देना चाह रही है. दोनों के बीच सीट बंटवारे को लेकर अब तक तो कोई सहमति नहीं बन सकी है. माना जा रहा है कि दोनों के बीच बातचीत ता दौर जारी है. AAP + कांग्रेस के बीच कब और कैसे सहमति बनती है, ये जल्द साफ हो जाएगा. बता दें कि AAP और कांग्रेस के बीच की ये दोस्ती नई नहीं है. दोस्ती की ये इबारत साल 2013 में ही लिख गई थी.

AAP-कांग्रेस की दोस्ती की कहानी

साल 2013 वो साल था, जब आम आदमी पार्टी ने पहली बार दिल्ली का विधानसभा चुनाव लड़ा और बीजेपी और कांग्रेस के विकल्प के तौर पर उभरी. AAP बीजेपी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. आम आदमी पार्टी को सरकार बनाने का मौका मिला. उस समय AAP को सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने बाहर से समर्थन दिया था. हालांकि ये सरकार 49 दिन ही चल सकी. अरविंद केजरीवाल ने फरवरी 2014 में जन लोकपाल बिल पेश करने से रोके जाने को लेकर सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद दोबारा चुनाव हुए.

आप और कांग्रेस कब-कब साथ, देखें पूरी टाइमलाइन

साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस ने अपनी राहें अलग कर ली. दोनों ने अलग-अलग लोकसभा चुनाव लड़ा और दिल्ली की सभी सीटें गंवा दीं. दिल्ली की सभी 7 सीटें बीजेपी के खाते में चली गईं. दोनों को सिंगल सीट तक नसीब नहीं हुई.साल 2015-2020 के विधानसभा चुनाव में AAP और कांग्रेस, दोनों ही दलों ने विरोधियों की तरह चुनाव लड़ा. दोनों ही चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत हासिल की. वहीं कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल सका. साल 2023 में बीजेपी को मात देने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने एक बार फिर से हाथ मिला लिया. बीजेपी को चुनावी शिकस्त देने के लिए दोनों ही दल इंडिया गठबंधन का हिस्सा बन गए. साल 2024 के चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान AAP और कांग्रेस की दोस्ती एक बार फिर से देखने को मिली. दोनों ही दलों ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार उतारा. रिटर्निंग अधिकारी की धांधली के बीच सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद उनके उम्मीदवार कुलदीप सिंह को विजेता घोषित कर दिया गया. 2024 लोकसभा चुनाव में दोनों ही दलों ने दिल्ली, गुजरात और हरियाणा में गठबंधन में चुनाव लड़ा.

उतार-चढ़ाव के बीच फिर गठबंधन

दोनों ही दलों के बीच कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन इसके बीच की दोस्ती की डोर नहीं टूटी. आखिरकार 2024 लोकसभा चुनाव में दोनों ही दलों ने दिल्ली, गुजरात और हरियाणा में गठबंधन करने का फैसला लिया. दिल्ली में AAP 4 और कांग्रेस ने 3 सीटों पर उम्मीदवार उतारे. वहीं गुजरात में कांग्रेस ने 24 और आप ने 2 सीटों पर उम्मीदवार उतारे. वहीं हरियाणा में कांग्रेस ने 9 और आप ने 1 सीट पर चुनाव लड़ा, लेकिन पंजाब तक आते-आते दोनों एक बार फिर से अजनबी बन गए. पंजाब में दोनों ही दलों ने एक दूसरे का विरोधी बन अलग-अलग चुनाव लड़ा.

हरियाणा में साथ आएंगे AAP-कांग्रेस?

हरियाणा में 5 अक्टूबर को चुनाव होना है और इसका परिणाम 8 अक्टूवर को आएगा. विधानसभा चुनाव से पहले ये कयास लगाए जा रहे हैं कि आप और कांग्रेस की ये पुरानी जोड़ी हरियाणा में भी साथ आ सकती है. क्यों कि पिछले 12 सालों में ऐसे बहुत से चुनाव आए, जब ये दोनों दल कभी साथ तो कभी अलग-अलग खड़े दिखाई दिए. चुनावी फायदे के लिए राजनीतक दलों के लिए गठबंधन करना या तोड़ना कोई नई बात नहीं है. ऐसे में एक बार फिर से इन दोनों दलों के साथ चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं.

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