अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) बुधवार को चुनाव आयोग पहुंचे. इस दौरान केजरीवाल ने भाजपा पर दिल्ली में “बड़े पैमाने पर मतदाताओं को हटाने” की साजिश रचने का आरोप लगाया.
देश में विपक्ष ने एक ओर ईवीएम को लेकर मोर्चा खोल रखा है तो दूसरी ओर वोटर लिस्ट को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बुधवार को चुनाव आयोग पहुंचे. इस दौरान केजरीवाल ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा पर दिल्ली में “बड़े पैमाने पर मतदाताओं को हटाने” की साजिश रचने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को तीन हजार पन्नों के सबूत सौंपे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है कि केजरीवाल के दावों में कितना दम है?
क्या है आप का आरोप
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि BJP ने कई विधानसभा सीटों पर हजारों जिंदा और अपने पते पर रहने वाले लोगों के वोट कटवाने की अर्जी दी है. चुनाव आयोग की Summary Revision की प्रक्रिया 28 अक्टूबर को समाप्त हो चुकी है. इसके बाद भी सात विधानसभाओं में 22,649 वोट काटने की एप्लीकेशन दाखिल की गई है. इनमें से ज्यादातर अर्जी फाइल करने वाले लोग बीजेपी से जुड़े हुए हैं. पार्टी ने कहा कि शाहदरा में पिछले छह हफ्तों में 11,018 वोटरों के नाम काटने की अर्जी दी गई है और कहा गया है कि वे या तो जीवित नहीं या फिर किसी दूसरी जगह चले गए हैं.
आम आदमी के प्रवक्ता घनेन्द्र भारद्वाज ने कहा कि भाजपा अवैध वोट मैनेजमेंट कर रही है. भाजपा ने दिल्ली में नया षड्यंत्र रचा है क्योंकि भाजपा फील्ड की लडाई में हमसे जीत नहीं पाती. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव अधिकारियों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा. हर विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने भाजपा के कार्यकर्ताओं को लगा दिया, जो लोगों को जाकर पूछ रहे है कि पिछली बार आपने किसे वोट दिया. यदि वो कहते हैं कि हमने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को वोट दिया था तो वो उनके नाम को चिह्नित कर लेते हैं और फिर नाम कटवाने के लिए चुनाव आयोग को लिखते हैं. यह एक नहीं दिल्ली की 70 विधानसभाओं में षडयंत्र रचा गया.
भाजपा का AAP को जवाब
इस मामले में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के आरोपों को खारिज कर दिया है. बीजेपी के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा कि AAP झूठ बोल रही है. 2015 में अरविंद केजरीवाल ने खुद ही चुनाव आयोग को पत्र लिखकर फर्जी मतदाताओं के नाम काटने को कहा था. 2025 विधानसभा चुनाव में हार के डर से AAP ने झूठ और दुष्प्रचार का सहारा लिया है.
भाजपा प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने कहा कि आम आदमी पार्टी और उनके नुमाइंदे इतने ज्यादा झूठ बोल रहे हैं कि खुद उन्हें इसके लिए स्पष्टीकरण देना मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने बताया है कि सिर्फ 494 वोट हैं, जिन पर यह बात है. इल्मी ने कहा कि 500 लोगों का रैंडम सैंपल लिया गया है. 500 लोगों का रैंडम सैंपल लेने या उनसे पूछताछ करने से 11 हजार नाम कैसे आ सकते हैं.
दूसरी सबसे जरूरी बात है कि फॉर्म नंबर 7 भरे बिना नाम जिसे चुनाव अधिकारी भरते हैं, नाम काटना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि बीएलओ चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त किया जाता है और उनकी देखरेख के लिए पार्टियों के बीएलए सहयोग करते हैं. बीएलए इनकी पार्टी के भी होंगे और हमारी पार्टी के भी होंगे. उन्होंने सवाल किया कि जब जीतते आए हैं तब भी क्या चुनाव अधिकारी शामिल थे?
उन्होंने कहा कि बहानेबाजी शुरू हो गई है. इन्हें लग रहा है कि झूठ बोलने से इनका काम चलेगा. उन्होंने कहा कि सौरभ भारद्वाज टीन का डिब्बा लेकर आए थे और कहा था कि ईवीएम हैक होता है, कुछ वक्त बाद पंजाब की सत्ता में आ गए और कहानी खत्म हो गई.
सबसे कमजोर विकेट पर केजरीवाल : त्रिपाठी
वहीं वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्द्धन त्रिपाठी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल अपनी राजनीति के सबसे कमजोर विकेट पर हैं. उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री को अपनी सीट बदलनी पड़ रही है. विधानसभा उपाध्यक्ष को अपनी सीट बदलनी पड़ रही है.
उन्होंने कहा कि जो लोग लगातार राजनीति में अरविंद केजरीवाल के सामने हार गए. 2013 के बाद अरविंद केजरीवाल ने उनकी राजनीति खत्म कर दी. 2025 में उनकी जरूरत अरविंद केजरीवाल को है. यानी जिनकी राजनीति अपनी-अपनी विधानसभा में अरविंद केजरीवाल ने समाप्त कर दी थी उन सबकी जरूरत पड़ गई. केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं.
उन्होंने कहा कि केजरीवाल का आत्मविश्वास हिला हुआ है, उन्हें जनता के बीच जाने के लिए कोई तो बहाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजनीति में यही होता है, एक पार्टी अपने वोटर बढ़वाना चाहती है और दूसरी पार्टी के वोटर घटवाना चाहती है, लेकिन ऐसा नहीं है कि भाजपा दिल्ली में इतनी ताकतवर नहीं हो सकती है कि हर किसी से पूछ ले कि तुमने वोट किसको दिया और क्या वोटर इतना नासमझ है कि वो बता देगा कि हमने किसे वोट दिया है.
EVM और VVPAT के वोटों में अंतर के आरोप
आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने इससे पहले शरद पवार और अभिषेक मनु सिंघवी से मुलाकात भी की थी. इस बैठक के बाद एनसीपी नेताओं ने कहा था कि महाराष्ट्र चुनाव में ईवीएम की कथित गड़बड़ियों के विरोध में वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. बीजेपी ने विपक्ष के इस रवैये पर सवाल उठाया.
हालांकि कल ही चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार वीपीपैट पर्चियों का ईवीएम परिणामों से मिलान किया. महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि EVM और VVPAT का मिलान सटीक है. साथ ही कहा कि विधानसभा चुनावों में कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि VVPAT पर्चियों और वोटिंग मशीन के नंबरों में कोई फर्क नहीं है. सभी 288 सीटों से 1440 VVPAT इकाइयों की पर्चियां गिनी गईं. VVPAT पर्चियों का मिलान संबंधित EVM के डेटा से किया गया.
विपक्ष ने EVM और VVPAT के वोटों में अंतर के आरोप लगाए थे. हालांकि चुनाव आयोग ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया है. हालांकि विपक्ष इस मुद्दे को छोड़ने वाला नहीं है. कांग्रेस बैलेट पेपर से चुनाव की मांग को लेकर देश भर में यात्रा निकालने की बात कह रही है.
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