इस चुनाव में आम आदमी पार्टी मुफ्त योजनाओं और कामकाजी मॉडल के दम पर मैदान में उतर रही है. वहीं भारतीय जनता पार्टी “मोदी फैक्टर” और विकास एजेंडा पर जोर देगी.
दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Asembly Elections) अपने आप में बेहद रोचक होता रहा है. दिल्ली में कांग्रेस के पतन के बाद आम आदमी पार्टी बेहद मजबूत बनकर उभरी. आप की दिल्ली की राजनीति में एंट्री के बाद दिल्ली में चुनावी मुद्दे जो राष्ट्रीय हुआ करते थे वो विधानसभा चुनाव में स्थानीय हो गए. बिजली, पानी, शिक्षा जैसे मुद्दे पहले से अधिक गुंजने लगे. आइए जानते हैं कि इस चुनाव में कौन-कौन से वो मुद्दे हैं जो मतदाताओं को सबसे अधिक प्रभावित कर सकते हैं.
इस चुनाव में आम आदमी पार्टी मुफ्त योजनाओं और कामकाजी मॉडल के दम पर मैदान में उतर रही है. वहीं भारतीय जनता पार्टी “मोदी फैक्टर” और विकास एजेंडा पर जोर देगी. कांग्रेस के पास खोने के लिए दिल्ली में कुछ भी नहीं है ऐसे में पार्टी अपने आप को मजबूत करना चाहेगी.
मूलभूत सुविधा दिल्ली के लिए सबसे अहम मुद्दा
बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दे हमेशा दिल्ली के दिल में रहा है.दिल्ली की महिलाएं सुरक्षा के मामले में बेहद जागरूक हैं. AAP ने महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त यात्रा जैसी योजनाएं शुरू करके एक भरोसेमंद छवि बनाने की कोशिश की है. हालांकि बीजेपी की तरफ से सीसीटीवी कैमरा सहित अन्य मुद्दों पर आम आदमी पार्टी सरकार को घेरा जाता रहा है.
प्रदूषण अब भी सबसे अहम मुद्दा
दिल्ली में वायु प्रदूषण हर साल गंभीर समस्या बनता है। स्मॉग, निर्माण कार्यों से धूल, और वाहनों का धुआं बड़े मुद्दे हैं. हर सरकार की तरफ से दावा होते रहे हैं कि प्रदूषण का समाधान किया जाएगा हालांकि अब तक कोई ठोस समाधान दिल्ली के प्रदूषण को लेकर नहीं देखने को मिला है.
झुग्गी-बस्ती और मकान का मुद्दा भी रहेगा अहम
दिल्ली में झुग्गी क्षेत्रों में रहने वाले मतदाताओं के लिए आवास और पुनर्वास बड़ी चिंता है. AAP ने “जहां झुग्गी, वहीं मकान” योजना शुरू की है. यह देखना होगा कि जनता इसे कितना स्वीकार कर रही है. माना जाता है कि आम आदमी पार्टी की झुग्गी वोटर्स में मजबूत पकड़ है.
मुफ्त योजना के रास्ते पर सभी दल
AAP की मुफ्त योजनाएं, जैसे मुफ्त बिजली, पानी, और बस यात्रा, इस बार भी चर्चा में है. आम आदमी पार्टी के बाद अब दूसरे दलों की तरफ से भी इस तरह की घोषणा होती रही है. बीजेपी इसे “रेवड़ी कल्चर” कहते हैं और तर्क देते हैं कि ऐसी योजनाएं सरकारी खजाने पर भारी बोझ डालती हैं.दिल्ली के मतदाताओं को मुफ्त योजनाओं का सीधा लाभ मिलता है. आप की लोकप्रियता के पीछे इसे अहम फैक्टर माना जाता है.
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा
दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की मांग पुरानी रही है. आम आदमी पार्टी इसे लगातार उठाती रही है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कभी भी इसे लेकर बहुत अधिक मुखरता नहीं दिखायी गयी है. हालांकि जनता के बीच इस मुद्दे का प्रभाव भी रहने की संभावना है.
दिल्ली की कानून व्यवस्था
दिल्ली की कानून व्यवस्था केंद्र सरकार के हाथ है. अरविंद केजरीवाल की तरफ से लगातार इसे लेकर आवाज उठाए जाते रहे हैं. दिल्ली की कानून व्यवस्था एक बड़ी चुनौती रही है. दिल्ली की जनता विधानसभा चुनाव में इसे भी एक फैक्टर के तौर पर रख सकती है.
अल्पसंख्यक मतों का किधर होगा रुझान
दिल्ली के अल्पसंख्यक समुदाय बीजेपी से दूर रहे हैं. शाहीन बाग, CAA और अन्य छोटे बड़े दंगे जो पिछले 5 साल में हुए उसे देखते हुए एक बार फिर अल्पसंख्यक वोटर्स का क्या रुख होता है वो बेहद अहम होगा. अल्पसंख्यक वोटर्स एक जमाने में कांग्रेस के परंपरागत वोटर्स रहे थे. हालांकि पिछले 2 चुनाव में आम आदमी पार्टी को यह वोट मिलता रहा है.
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