दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण एक बार फिर से ग्रैप-4 लागू की पाबंदियां लागू कर दी गई है.
दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता से जुड़े केंद्र सरकार के आयोग ने बुधवार को प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता में भारी गिरावट के बाद चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप-4 लागू) के चौथे चरण के तहत पाबंदियां लगाने का आदेश दिया.
धीमी हवाओं, कम तापमान और कोहरे की स्थिति के कारण क्षेत्र में प्रदूषक जमा हो गए, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार शाम छह बजे बढ़कर 396 हो गया, जो मंगलवार को 275 था.
भारत मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान ने पूर्वानुमान जताया है कि एक्यूआई जल्द ही 400 अंक को पार कर सकता है. लिहाजा, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर में अधिकारियों को तीसरे और चौथे चरण के तहत सभी कदमों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया.
चौथे चरण की पाबंदियों में सभी निर्माण गतिविधियों, प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के दिल्ली में अनावश्यक प्रवेश पर रोक और कक्षा 10 व 12 को छोड़कर स्कूली कक्षाएं ‘हाइब्रिड मोड’ में आयोजित करना शामिल है.
चौथे चरण के तहत गैर-आवश्यक डीजल ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश करने पर रोक रहती है जबकि आवश्यक सेवाओं को छोड़कर, दिल्ली में पंजीकृत बीएस-4 व पुराने डीजल चालित भारी माल वाहनों पर प्रतिबंध रहता है.
सर्दी के दौरान, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में जीआरएपी के तहत प्रतिबंध लागू होते हैं. ये वायु गुणवत्ता के आधार पर चार चरण में वर्गीकृत होते हैं. एक्यूआई 201 से 300 (खराब) के बीच होने पर पहला चरण, 301-400 (बहुत खराब) होने पर दूसरा चरण, 401 से 450 (गंभीर) होने पर तीसरा चरण जबकि 450 से ऊपर (अति गंभीर) होने पर चौथा चरण लागू किया जाता है.
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