देश में हर साल बन रहे 33 करोड़ मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर करीब 12 लाख लोगों को दे रहा रोजगार: सरकार​

 India’s Mobile Manufacturing Surge: साल 2014-15 में देश में बिकने वाले मोबाइल फोनों में से केवल 26 प्रतिशत ही भारत में बनते थे शेष आयात किए जाते थे.आज भारत में बिकने वाले 99.2 प्रतिशत मोबाइल फोन देश में ही बनते हैं.

पिछले 10 साल में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण तेजी से बढ़ा है. देश में  हर साल 32.5 से 33 करोड़ मोबाइल फोन का विनिर्माण किया जा रहा है. सरकार ने गुरुवार को कहा कि भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र वर्तमान में पूरे देश में लगभग 12 लाख लोगों को रोजगार दे रहा है. वित्त वर्ष 2014-15 में यह 1.9 लाख करोड़ रुपये था जो बढ़कर 2023-24 में 9.52 लाख करोड़ रुपये (17.4 प्रतिशत की वार्षिक औसत वृद्धि दर के साथ) पर पहुंच गया. इस दौरान निर्यात में भी 22.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.

‘मेक इन इंडिया’ पहल की 10वीं वर्षगांठ पर c ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स सबसे प्रभावशाली क्षेत्रों में से एक के रूप में उभरा है.उन्होंने कहा, “इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में भारत से निर्यात भी 2014-15 में लगभग 38,263 करोड़ रुपये से बढ़कर 22.7 प्रतिशत सीएजीआर पर 2.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह अन्य निर्यात क्षेत्रों की वृद्धि की तुलना में काफी तेज है.”

देश में ही बनते हैं भारत में बिकने वाले 99.2% मोबाइल फोन

साल 2014-15 में देश में बिकने वाले मोबाइल फोनों में से केवल 26 प्रतिशत ही भारत में बनते थे शेष आयात किए जाते थे.आज भारत में बिकने वाले 99.2 प्रतिशत मोबाइल फोन देश में ही बनते हैं.

कृष्णन ने बताया, “हम भारत में हर साल 32.5 से 33 करोड़ मोबाइल फोन बनाते हैं और औसतन करीब एक अरब मोबाइल फोन इस्तेमाल में हैं. हमने घरेलू बाजार को बढ़ावा दिया. यही वजह है कि आप देख रहे हैं कि मोबाइल फोन के निर्यात में काफी बढ़ोतरी हुई है.”

वित्त वर्ष 2023-24 में मोबाइल फोन का निर्यात 77 गुना बढ़ा

वित्त वर्ष 2023-24 में मोबाइल फोन का निर्यात लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये का था जो 2014-15 की तुलना में 77 गुना बढ़ गया है. वित्त वर्ष 2014-15 में मोबाइल फोन निर्यात करीब 1,566 करोड़ रुपये का था.

पीएलआई योजना से मिल रहा लाभ

मोबाइल क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना पर सचिव ने कहा कि हमने अपने उत्पादन लक्ष्य को पार कर लिया है और कुल उत्पादन 6.61 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. निवेश का कुल मूल्य भी 9,100 करोड़ रुपये है, जो लक्ष्य से काफी अधिक है.

कृष्णन ने कहा, “कुल 1,22,613 लोगों को रोजगार मिला है, जो कि योजना के मूल लक्ष्य के अनुरूप है. इसलिए यह मेक इन इंडिया की बड़ी उपलब्धियों में से एक है और आज इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र पूरे देश में करीब 12 लाख लोगों को रोजगार देता है.”

भारत सेमीकंडक्टर विनिर्माण का आधार तैयार

देश में सेमीकंडक्टर विनिर्माण आधार स्थापित करना ‘मेक इन इंडिया’ का दूसरा बड़ा हिस्सा रहा है.भारत सेमीकंडक्टर मिशन के शुभारंभ और स्वीकृत की गई पांच प्रमुख परियोजनाओं के साथ सेमीकंडक्टर विनिर्माण का आधार तैयार हो रहा है. इन परियोजनाओं में माइक्रोन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की दो परियोजनाएं, सीजी पावर की एक परियोजना और कीन्स की एक परियोजना शामिल है.
 

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