काम और लाइफ के बीच बैलेंस को लेकर गौतम अदाणी ने कहा कि यदि आप जो करते हैं, उसमें आनंद आता है, तो आपका वर्क लाइफ बैलेंस है.
मुंबई के धारावी प्रोजेक्ट को लेकर अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा है कि ग्रुप ही नहीं, व्यक्तिगत तौर पर भी मैं सोचता हूं कि धारावी प्रोजेक्ट एक विरासत बन सकता है, क्योंकि ये 10 लाख लोगों को गरिमा भरी जिंदगी देगा. उन्होंने कहा कि ये काम पिछले 40 सालों में नहीं हो पाया, तीन कोशिशें नाकाम रहीं. अदाणी ग्रुप ने कई अविश्वसनीय कामयाबियां हासिल की हैं. मैं तो 5-10 साल में रिटायर हो जाऊंगा, लेकिन इसे 10 लाख लोग अगले 50 सालों तक याद रखेंगे.
धारावी प्रोजेक्ट पर बोले अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी-
‘ग्रुप ही नहीं, व्यक्तिगत तौर पर भी मैं सोचता हूं कि धारावी प्रोजेक्ट एक विरासत बन सकता है क्योंकि ये दस लाख लोगों को गरिमा भरी जिंदगी देगा. ये काम 40 साल में नहीं हो पाया. तीन कोशिशें फेल हो गईं. अदाणी ग्रुप ने… pic.twitter.com/jhLWpQicL7
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वहीं काम और लाइफ के बीच बैलेंस को लेकर गौतम अदाणी ने कहा, “यदि आप जो करते हैं, उसमें आनंद आता है, तो आपका वर्क लाइफ बैलेंस है. बाकी एक-दूसरे का वर्क बैलेंस किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए. आपको बस इतना ही देखना है कि अगर आप अपने परिवार के साथ चार घंटा बिता रहे हैं और उसमें आपको आनंद आ रहा है, और कोई आठ घंटा बिता रहा है तो वो देखकर आपको करने नहीं लग जाना है.”
‘अपने पसंद का काम करने से वर्क लाइफ बैलेंस होता है’ वर्क लाइफ बैलेंस पर बोले अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी #GautamAdani | #AdaniGroup | #WorkLifeBalance pic.twitter.com/XEiAdji0th
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मेरे लिए परिवार और काम के बाहर कोई दुनिया नहीं – गौतम अदाणी
गौतम अदाणी ने कहा, “हमारे लिए या तो परिवार है या काम, इससे बाहर हमारी कोई दुनिया नहीं है. हमारे बच्चे भी यही नोटिस करते हैं क्योंकि स्वाभाविक रूप से उनका पालन-पोषण भी उसी तरह से होता है. तो अगली जेनरेशन काम को लेकर कड़ा परिश्रम कर रही है. मैं किसी बड़े फैमिली बैकग्राउंड से नहीं आता. मैंने अपने कॉलेज भी पढ़ाई भी पूरी नहीं की. मुझे बोलना भी नहीं आता था. गांव से पढ़कर आया था, लेकिन अभी मैं जब अकेले में बैठता हूं तो आंख बंद कर अपनी पूरी जर्नी को याद करता हूं कि कैसे वहां से यहां तक पहुंचा.”
25 से ज्यादा राज्यों में काम कर रहा है अदाणी ग्रुप
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि हम 25 से ज्यादा राज्यों में काम कर रहे हैं. हम बीजेपी और गैर बीजेपी शासित दोनों राज्यों में काम करते हैं. ऐसा नहीं है कि अदाणी समूह उनके (कांग्रेस) साथ काम करने के लिए तैयार नहीं है, हम किसी भी सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार हैं, जब तक वे राजनीति नहीं कर रहे हैं और कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं. हम भी विकास के साथ हैं.
उन्होंने कहा कि हमें किसी स्पेशल ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं है, हां इतना है कि आप विकास को लेकर जिस भी अवधि के लिए बिजनेस मैन से जो भी वादा करते हैं, वो समय पर पूरा कर दें.
इंफ्रास्ट्रक्चर के काम के लिए आपको धैर्य रखना पड़ता है – गौतम अदाणी
गौतम अदाणी ने कहा, “अदाणी से भी बड़ा ग्रुप है, लेकिन बुनियादी ढांचे के मामले में वो 25 प्रतिशत भी काम नहीं कर रहे हैं. वे उद्योग में बड़े हैं, लेकिन बुनियादी ढांचे में नहीं. क्यों? क्योंकि ये सबसे कठिन काम है. अगर ये आसान होता, तो हर कोई ऐसा कर रहा होता. इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आपको धैर्य रखना पड़ता है. 5 से 10 साल तक पूरी तरह से उसमें शामिल होना पड़ता है, लेकिन सबमें इतना धैर्य नहीं होता कि आज पैसे लगाओ और 10 साल तक रिटर्न के लिए इंतजार करो.”
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