इस कॉरिडोर का लोगों को करीब दो दशक से इंतजार था. इसके बनने से दिल्ली से हरियाणा आने-जाने वाले को खासी सहूलियत होगी. इस कॉरिडोर के बनकर तैयार होने में कुल 6230.99 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
बाहरी दिल्ली में रहने वाले लोगों को नए साल की शुरुआत से ठीक पहले एक बड़ी सौगात मिली है. दरअसल, केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के रिठाना-बवाना-नरेला-कुंडली कॉरिडोर को अपनी मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार की इस मंजूरी से इस इलाके के लोगों को करीब दो दशक लंबा इंतजार अब पूरा हो गया है. इस कॉरिडोर का निर्माण मेट्रो के निर्माणधीन फेज 4 के तहत किया जाएगा.
26.463 किमी लंबा होगा ये कॉरिडोर
इस मेट्रो कॉरिडोर की कुल लंबाई 26.463 किलोमीटर होगी, जिसमे से 23.737 किलोमीटर लंबा हिस्सा दिल्ली में पड़ेगा जबकि 2.726 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में पड़ेगा. दिल्ली में इस कॉरिडोर के तहत कुल 19 स्टेशन होंगे जबकि हरियाणा में दो स्टेशन बनाए जाएंगे. इस कॉरिडोर के निर्माण में कुल खर्च 6230.99 करोड़ रुपये का है. यह कॉरिडोर अगले चार सालों में बनकर तैयार हो जाएगा.
कई वजहों से खास होगा ये कॉरिडोर
दिल्ली मेट्रो का यह कॉरिडोर कई कारणों से खास होने वाला है. यह दिल्ली मेट्रो नेटवर्क का एक मात्र ऐसा कॉरिडोर होगा जो यूपी औऱ हरियाणा दोनों को आपस में कनेक्ट करेगा. आपको बता दें कि गाजियाबाद के शहीद स्थल से दिल्ली के रिठाला के बीच वर्तमान में संचालित मेट्रो की रेड लाइन को ही रिठाला से आगे बवाा और नरेला होते हुए हरियाणा के कुंडली और नत्थूपुर तक ले जाया जाएगा. इस कॉरिडोर के आगे बढ़ने की वजह से अब मेट्रो की रेड लाइन की कुल लंबाई बढ़कर 60 किलोमीटर के करीब पहुंच जाएगी जबकि इस रूट पर अब कुल स्टेशनों की संख्या 50 हो जाएगी.
दिल्ली- हरियाणा आना-जाना होगा आसान
इस कॉरिडोर के बनने से दिल्ली से हरियाणा और हरियाणा से दिल्ली से आने-जाने में आसानी होगी. शुरुआत में मेट्रो के फेज 1 में ही रिठाला से आगे बरवाला तक मेट्रो ले जाने का प्लान था, लेकिन उस वक्त मध्य दिल्ली में मेट्रो की ज्यादा जरूरत को देखते हुए इसके फंड का इस्तेमाल दूसरी लाइन के एक्सटेंशन में कर लिया था.
इसी साल मिली थी वित्तीय मंजूरी
आपको बता दें कि रिठाला-कुंडली कॉरिडोर को इसी साल जून में वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाले पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड ने वित्तीय मंजूरी दी थी. इसके बाद ही दिल्ली सरकार ने भी इसके निर्माण के लिए मंजूरी दी गई थी. रिठाला-बवाना और नरेला कॉरिडोर पहले से ही मेट्रो के फेज 4 का हिस्सा था, लेकिन बाद में इसे हरियाणा के कुंडली तक एक्सटेंड करने का निर्णय लिया गया. पहले इस लाइन पर लागत को कम करने के लिए पहले लाइट मेट्रो चलाने का विचार किया गया था.
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