गौतम बुद्ध नगर में नोएडा और ग्रेटर नोएडा की शराब की दुकानें नए साल की पूर्व संध्या (31 दिसंबर) पर एक अतिरिक्त घंटे तक खुली रहेंगी. ये दुकानें सुबह 10 बजे से लेकर रात 11 बजे तक खुली रहेंगी.
नए साल की पार्टी और शराब की बिक्री को लेकर उत्तर प्रदेश सराकर ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन गाइडलाइनों के अनुसार, शराब की दुकानों का संचालन समय बढ़ा दिया गया है और पार्टी आयोजनों के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं. हालांकि, यह नियम गौतम बुद्ध नगर में लागू होगा.
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में शराब की दुकानों का समय बढ़ा
गौतम बुद्ध नगर में नोएडा और ग्रेटर नोएडा की शराब की दुकानें नए साल की पूर्व संध्या (31 दिसंबर) पर एक अतिरिक्त घंटे तक खुली रहेंगी. ये दुकानें सुबह 10 बजे से लेकर रात 11 बजे तक खुली रहेंगी.
पार्टी के लिए विशेष लाइसेंस की आवश्यकता
नए साल पर पार्टियां आयोजित करने के लिए विशेष लाइसेंस की आवश्यकता होगी. जिला आबकारी अधिकारी सुबोध श्रीवास्तव ने बताया कि विभाग 1,100 रुपये में एक दिन का लाइसेंस जारी कर रहा है. यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है, जिसका उद्देश्य शराब की सुरक्षित और कानूनी खपत को सुनिश्चित करना है. अधिक जानकारी के लिए आबकारी विभाग के बेबसाइट (excise.up.gov.in) पर जाएं.
लाइसेंस की प्रक्रिया और शुल्क
श्रीवास्तव ने बताया कि हाल ही में आबकारी विभाग और पुलिस अधिकारियों की एक बैठक में समाज के विभिन्न प्रतिनिधियों को इस संबंध में जानकारी दी गई थी. नागरिकों को बताया गया कि पार्टियों में शराब परोसने के लिए लाइसेंस आवश्यक है, और उन्हें यह निर्देश भी दिए गए कि केवल उत्तर प्रदेश में स्वीकृत शराब का ही सेवन करें. आबकारी अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि लाइसेंस की फीस स्थान के आधार पर अलग-अलग है. निजी स्थानों पर पार्टियां आयोजित करने के लिए 4,000 रुपये प्रति लाइसेंस की आवश्यकता होगी, जबकि वाणिज्यिक स्थानों जैसे रेस्तरां और बैंक्वेट हॉल के लिए 11,000 रुपये प्रति लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा.
अनुपालन न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
श्रीवास्तव ने चेतावनी दी, “चाहे पार्टी निजी स्थान पर आयोजित की जाए या वाणिज्यिक स्थान पर, लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है. इसके बिना कोई आयोजन कानूनी रूप से मान्य नहीं होगा और उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.” उन्होंने यह भी बताया कि इस साल लाइसेंस आवेदनों में पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, क्योंकि अधिक नागरिक ऑनलाइन प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं.
NDTV India – Latest
More Stories
राजस्थान ने अपने 9 जिले क्यों कर दिए खत्म? जानिए इस पर क्यों शुरू हो गया विवाद
दिल्ली में 2025 में कब-कब शराब की दुकानें बंद रहेंगी, देखिए पूरी लिस्ट
पटना में फिर बवाल: सीएम आवास तक मार्च निकालना चाहते थे छात्र, पुलिस ने रोका