अबू धाबी से शहजादी ने यूपी में रह रहे मां-बाप को फोन किया. फोन कॉल सुनेंगे तो अंदर तक हिल जाएंगे. मां-बाप का दर्द है कि वो अपनी बेटी को आखिरी बार देख भी नहीं सकते. बार-बार कह रहे हैं हमारी बेटी ने कुछ नहीं किया. अल्लाह उसे बचा ले… फोन कॉल की डिटेल पढ़ें
पापा सलाम वालेकुम, इसके बाद रोने की आवाजें…घबराए हुए पापा पूछते हैं कि बेटा बता क्या बात है. बार-बार पूछने पर दुबई की अबू धाबी जेल में बंद शहजादी कहती है ये हमारा लास्ट कॉल है. अम्मी के भी रोने की आवाज पीछे से आ रही है, अल्लाह मदद कर… मेरी बेटी को बचा ले… यूपी के बांदा की शहजादी का ये फोन 10 मिनट की बातचीत के बाद खुद ही बंद हो जाता है. पीछे सिसकने के लिए रह जाते हैं उसके मां-बाप. जो डर रहे हैं, बिलख रहे हैं, हमारी बेटी भी जेल की अंधेरी कोठरी में डर रही होगी, सिहर रही होगी… उस मां-बाप के लिए इससे बड़ा दुख क्या ही होगा, जिन्हें पता चले कि उनकी बेटी को फांसी होने वाली है. मां-बाप अपने बच्चे को देश में ही किसी दूसरे शहर में भेजने को लेकर भी दुखी-परेशान हो जाते हैं… ऐसे में शब्बीर खान के परिवार की सोचिए जिनकी बेटी को दुबई में फांसी होने वाली है, वो अकेली है… कोई संबल या दिलासा देने वाला नहीं… अपनी बिटिया को एक बार देख पाना भी संभव नहीं. सोचिए ऐसे माता-पिता का दुख कितना गहरा होगा.
बांदा की शहजादी की फांसी का वक्त मुकर्रर होने का दावा
दरअसल, यूपी के बांदा की रहने वाली शहजादी की फांसी का वक्त मुकर्रर हो चुका है, ये दावा पिता ने बेटी से फोन कॉल के बाद किया. पिता ने बताया है कि उसे सुबह तक फांसी दी जा सकती है. मौत से पहले आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए अबू धाबी जेल प्रशासन ने शहजादी की आखिरी बार फोन पर उसके मां-बाप से बात करवाई. शहजादी ने कुल मिलाकर फोन पर अपने घरवालों को दिलासा देते हुए यही कहा कि ये उसका आखिरी कॉल है और उसे इस हालात तक पहुंचाने वालों के खिलाफ, जो केस दर्ज करवाया है, उसे वापस ले लो.
शहजादी के माता-पिता की रो-रोकर बुरी हालत है
शहजादी की मां-बाप से आखिरी कॉल- ‘बेटा माफ कर दो हम कुछ नहीं कर पाए’
(शहजादी के पिता शब्बीर खान)
पिता ने मीडिया को रोते हुए कही ये बात
पिता ने कहा कि शहजादी ने फोन पर बताया है कि फांसी से पहले मुझे अलग कमरे में कर दिया है. घर में भी दोबारा फोन करने नहीं देंगे. वह हमें समझाती रही कि केस वापस ले लेना. वो रोती रही. ये कैसा इंसाफ है, हम वहां जा नहीं सकते. केस का न कोई कागज है, हमें कुछ पता नहीं. बेटी ने कहा कि पापा ये लास्ट कॉल है. उसे फांसी दे दी जाएगी. मेरी बेटी बेकसूर है. वह 2 साल से जेल में बंद है. हम मदद मांगने दिल्ली गए, विदेशमंत्रालय भी गए, सब नेताओं से मिले, मेरी बेटी को कोई मदद नहीं मिली. न यूपी सरकार से न दिल्ली सरकार से. हमारी कोई औकात नहीं वहां जाने की, हमारी मदद कीजिए.
मेरी बेटी पर जिस बच्चे की हत्या का आरोप, उसका पोस्टमार्टम नहीं हुआ- पिता
पिता ने आरोप लगाया कि वह जिस परिवार में काम कर रही थी, वहां 4 महीने के बच्चे को उसकी मां टीका लगवाने गई थी. टीके के बाद बच्चे की हालत बिगड़ गई और बच्चे की मौत हई. बिना पोस्टमार्टम के बच्चे को दफना दिया गया. इसके बाद मेरी बेटी का फोन छीन लिया गया और उसे प्रताड़ित किया गया. पुलिस चौकी में मेरी बेटी पर दबाव देकर धोखे से साइन करवाए गए कि बच्चे को उसने मारा है. जिनके घर वो काम करती थी, उसका नाम नाजिया है और उसके पति का नाम फैज है.
(बाएं उजैर, दाएं शहजादी)
शहजादी को दुबई भेजने में था आगरा के उजैर का हाथ
2021 में बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गांव गोयरा मुगली की रहने वाली शहजादी को अबू धाबी भेजा गया था. बताया जा रहा है इसमें पूरा हाथ आगरा के निवासी उजैर का था, जिसने शहजादी को लग्जरी लाइफ और चेहरे के इलाज का लालच देकर आगरा के ही रहने वाले एक दंपति को बेच दिया. इस पर बांदा सीजेएम कोर्ट के आदेश के बाद आगरा के दंपति और आरोपी उजैर के खिलाफ मानव तस्करी का केस भी दर्ज हो चुका है.
शहजादी पर बच्चे की हत्या का आरोप
दुबई में जिनके घर शहजादी काम करती थी, उनके बच्चे की मौत हो गई, जिसका आरोप दंपति ने शहजादी पर लगाया. अबू धाबी की कोर्ट ने जांच के बाद शहजादी को अरेस्ट कर उसे सजा-ए-मौत की सजा सुनाई है. शहजादी के पिता शब्बीर खान ने जिला प्रशासन और सरकार से बेटी को बचाने की फरियाद की है.
शहजादी के साथ बचपन में हुआ था ये बड़ा हादसा
गौरतलब है कि पीड़िता शहजादी जब छोटी थी, तभी किचन में काम करते समय वह आग से बुरी तरह से झुलस गई थी. उसके चेहरे पर निशान हो गए थे, इससे वह बहुत परेशान रहती थी. शहजादी सामाजिक संस्था रोटी बैंक में काम करती थी. 2020 में सोशल मीडिया जरिए उसकी जान पहचान आगरा में रहने वाले उजैर नाम के व्यक्ति से हुई थी. उजैर से करीबी और विश्वास बढ़ता गया और 2021 में उजैर ने शहजादी के चेहरे का इलाज करने का बहाना बनाकर उसको अपने साथ आगरा ले गया था. इलाज करवाने के नाम पर उसने दुबई में रहने वाले नाजिया और फैज के हाथों शहजादी का सौदा कर दिया. शहजादी को वहां घरेलू नौकरी की तरह काम करना पड़ता था. फैज और उसकी पत्नी पर शहजादी ने प्रताड़ित करने के आरोप भी लगाए हैं.
(मनीष मिश्रा की रिपोर्ट)
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