Can Diet Affect Puberty: डॉ. निधि झा के मुताबिक बच्चियों की डाइट का ध्यान रख कर प्यूबर्टी से जुड़ी ऐसी बहुत सी समस्याओं से बचा जा सकता है. जो काफी हद तक बढ़ती उम्र के लड़कों के लिए भी जरूरी है.
Diet During Puberty:बहुत सी मां को ये डर होता है कि बच्ची के पीरियड्स बहुत जल्दी न आ जाएं. पीरियड्स आने के बाद बच्ची की हाइट बढ़ेगी या नहीं बढ़ेगी. ऐसे तमाम सवाल हैं जो तकरीबन हर बड़ी हो रही बच्ची की मां को और पेरेंट्स को सताते हैं. लेकिन सिर्फ परेशान होने के अलावा बतौर पेरेंट्स माता पिता क्या कर सकते हैं. अगर इस सवाल का जवाब जानना है तो एनडीटीवी की ये रिपोर्ट बहुत ध्यान से पूरी पढ़ें. क्योंकि, इस संबंध में एनडीटीवी ने सेक्सुअल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर निधि झा से खास बातचीत की है. डॉ. झा के मुताबिक बच्चियों की डाइट का ध्यान रख कर प्यूबर्टी से जुड़ी ऐसी बहुत सी समस्याओं से बचा जा सकता है. जो काफी हद तक बढ़ती उम्र के लड़कों के लिए भी जरूरी है.
प्यूबर्टी के समय कैसी हो बच्चों की डाइट? | Diet During Puberty For Girls And Boys
प्यूबर्टी की स्टेज
लड़कियों में प्यूबर्टी की चार स्टेजेस होती हैं- थेलार्की, प्यूबार्की, ग्रोथ स्पर्ट और मिनार्की. मिनार्की फाइनल स्टेज मानी जा सकती है जिस के बाद हाइट बढ़ना या तो बंद हो जाती है या बहुत कम हो जाती है. इस से पहले ग्रोथ स्पर्ट के दौरान बच्चियों की हेल्थ पर ध्यान दिया जाए तो ग्रोथ स्पर्ट के पीरियड को थोड़ा लंबा खींचा जा सकता है और मिनार्की को थोड़ा डिले किया जा सकता है. सेक्सुअल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर निधि झा के मुताबिक हाइट का बढ़ना बहुत सारे फैक्टर पर डिपेंड करता है. जिस में पेरेंट्स की हाइट जिसे जेनेटिक फैक्टर कह सकते हैं. वो भी शामिल हैं.
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हेल्दी लाइफ स्टाइल और मिनार्की का रिलेशन
सेक्सुअल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर निधि झा के मुताबिक बच्चों की हेल्दी लाइफ स्टाइल का मिनार्की पर खासा असर पड़ता है. मिनार्की जितना डिले होगी हाइट बढ़ने की संभावना उतनी ही ज्यादा हो सकती है. इसलिए हाइट और वेट का रेशियो मेंटेन करना बहुत जरूरी है. डॉ. निधि झा कहती हैं बीएमआई यानी कि बॉडी मास इंडेक्स संतुलित रखना जरूरी है. वजन जितना कम होगा बच्ची मिनार्की की एज में पहुंचने में उतना ही समय लेगी. साथ ही वो ये भी कहती हैं कि वजन कम रखने का मतलब ये नहीं है कि उन्हें खाना ही देना कम कर दिया जाए. कोशिश ये होनी चाहिए कि बच्चियों पर चाइल्डहुड ओबेसिटी हावी न हो जाए.
कैसी होना चाहिए डाइट?
डॉ. निधि झा के मुताबिक बच्चियों की डाइट ऐसी होना चाहिए जिस में उनहें भरपूर कॉम्प्लेक्स कार्ब्स मिलें, प्रोटीन की खुराक पूरी हो और दूसरा न्यूट्रिशन भी पूरा मिले. लेकिन प्रोसेस्ड फूड कम से कम या न हों तो बेहतर हैं. चीज, प्रोसेस्ड शुगर, सॉस, प्रिजर्वेटिव्स वाला खाना बच्चियों की डाइट में शामिल न करें. ये बात सिर्फ बच्चियों के लिए ही नहीं बेटों के लिए भी जरूरी है. ग्रोथ स्पर्ट के दौरान वो ज्यादा हाइट अचीव कर सकें. इस के लिए उन्हें भी हेल्दी फूड ही दिया जाना चाहिए.
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हर तरह का खाना दें
प्यूबर्टी की एज में ऐसा नहीं है कि कुछ खाद्य पदार्थों से बच्चियों को दूर ही कर दिया जाए. डॉ. निधि झा के मुताबिक जो हेल्दी और अनप्रोस्सड है वो हर तरह का खाना बच्ची खा सकती हैं. अगर आप को लगता है कि तो क्वांटिटी कुछ कम कर सकते हैं. मसलन चावल ज्यादा नहीं देना है तो कम दे सकते हैं. उस के साथ में सब्जी और दाल की मात्रा बढ़ा दें.
एक्टिव रखना भी जरूरी है
डॉ. निधि झा के मुताबिक अपने बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी पर पूरा ध्यान दें. नए दौर में बच्चों का सिटिंग टाइम काफी बढ़ चुका है. पढ़ाई के लिए बैठना उन की मजबूरी है. लेकिन वो टीवी भी देर तक बैठ कर देखते हैं. ये लॉन्ग सिटिंग उन के शरीर को नुकसान पहुंचाती है. इसलिए जरूरी है कि बच्चे एक्टिव रहें. उन्हें खेलने का पूरा समय मिले. हो सके तो उन्हें किसी स्पोर्ट एक्टिविटी में एक्टिवली शामिल कर दें. इस से वो ओबेसिटी के शिकार भी नहीं होंगे और स्ट्रेंथ बिल्डिंग भी होगी. जिस से ग्रोथ स्पार्ट बढ़ सकेगा.
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