खान सर (Khan Sir) नॉर्मलाइजेशन से बचने के लिए बीपीएससी द्वारा एक ही पाली में परीक्षा के आयोजन की वकालत कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “यह विशेष फॉर्मूला केवल गणित पर लागू किया जा सकता है, लेकिन यह सामान्य अध्ययन पर लागू नहीं होगा.”
शिक्षक और यूट्यूबर फैजल खान (Faizal Khan) ने सोमवार को एक बार फिर बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) परीक्षा में “नॉर्मलाइजेशन” की प्रक्रिया का विरोध किया है. साथ ही इसे छात्रों के लिए अनुचित बताते हुए कहा कि छात्रों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आखिर नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया आखिर है क्या और यह छात्रों के लिए किस तरह से नुकसानदायक है. साथ ही उन्होंने कहा कि पेपर लीक करने वालों को फांसी हो. फैजल खान को खान सर (Khan Sir) के नाम से भी जाना जाता है.
नॉर्मलाइजेशन की प्रकिया का कब करते हैं उपयोग?
खान सर ने कहा कि नॉर्मलाइजेशन का उपयोग तब किया जाता है, जब परीक्षाएं एक ही दिन में आयोजित नहीं की जा सकती हैं या जब छात्रों की संख्या अधिक होती है. साथ ही कहा कि यह छात्रों के लिए अनुचित होगा, खासतौर पर जनरल स्टडीज एग्जाम में. इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे परिणाम असंगत हो सकते हैं और यह विधि गणित जैसे विषयों के लिए अधिक उपयुक्त है, जहां पर अंकों को समान रूप से समायोजित किया जा सकता है.
बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के संबंध में ‘परीक्षा पैटर्न में बदलाव’ और ‘नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया’ से संबंधित हालिया विवाद को लेकर एएनआई से बात करते हुए खान सर ने विभिन्न जिलों में सवालों के विभिन्न सेटों का उपयोग किए जाने पर छात्रों के बीच भेदभाव की संभावना पर चिंता व्यक्त की.
एक ही पाली में परीक्षा आयोजित करने की वकालत
उन्होंने कहा, “नॉर्मलाइजेशन उस वक्त किया जाता है जब परीक्षा एक दिन आयोजित नहीं की जा सकती है या छात्रों की संख्या बहुत अधिक है और विभिन्न क्षेत्रों में छात्रों को सवालों के अलग-अलग सेट दिए जाते हैं. उदाहरण के लिए, बिहार में आप भागलपुर बक्सर और सीवान में आप तीन अलग-अलग प्रश्न देते हैं…क्या होता है कि यदि आप मुझे प्रश्नपत्रों के ये 3 अलग-अलग सेट देते हैं तो मुझे अलग-अलग अंक मिलेंगे और मुझे सभी प्रश्नपत्रों के लिए समान अंक नहीं मिलेंगे.”
खान सर नॉर्मलाइजेशन से बचने के लिए बीपीएससी द्वारा एक ही पाली में परीक्षा के आयोजन की वकालत कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “यह विशेष फॉर्मूला केवल गणित पर लागू किया जा सकता है…लेकिन यह सामान्य अध्ययन पर लागू नहीं होगा…छात्रों के साथ यह भेदभाव नहीं होना चाहिए.”
पुलिस ने मेरे साथ दुर्व्यवहार नहीं किया : खान सर
खान सर ने विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई को लेकर भी अपनी बात रखी, जहां छात्रों ने दिसंबर की शुरुआत में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया से बचने के लिए परीक्षा ‘एक पेपर और एक पाली’ में आयोजित करने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया.
उन्होंने बताया कि वह विरोध प्रदर्शन में इसलिए शामिल हुए क्योंकि पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया था और वह वहीं रुक गए क्योंकि उन्हें लगा कि अगर वह चले गए तो छात्रों की मांगें पूरी नहीं होंगी.
उन्होंने कहा, “पुलिस ने मेरे साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया. मैं पिछले डेढ़ महीने से बीमार था. मैंने सोचा कि बीपीएससी परीक्षा खत्म होने के बाद उचित इलाज कराऊंगा… जब सुबह छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया तो मैं वहां गया…और मैंने सोचा कि अगर मैं (प्रदर्शन) छोड़ दूंगा तो छात्रों की मांग पूरी नहीं होगी. इसलिए मैं वहीं रुक गया और इस तरह मेरा स्वास्थ्य और खराब हो गया.”
इस महीने की शुरुआत में बीपीएससी के लिए अध्ययन करने वाले छात्रों ने परीक्षा पैटर्न और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में बदलाव का विरोध किया था और मांग की थी कि सामान्यीकरण प्रक्रिया से बचने के लिए परीक्षा ‘एक पाली और एक पेपर’ में आयोजित की जाए.
पेपर लीक को लेकर क्या बोले खान सर?
पेपर लीक को लेकर खान सर न कहा कि विद्यार्थी जीवन में इससे बड़ी समस्या कोई नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि इसमें सबसे जरूरी चीज ये है कि जिस पर शक हो उसका मीडिया की मौजूदगी में नार्को टेस्ट करवाया जाए.
उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति खुद शामिल नहीं होता है, लेकिन उसको पता होता है कि यहां पर यह व्यक्ति पेपर लीक करा रहा है तो वहां पर आंख बंद कर लेता है. यह भी एक तरह का अपराध ही है. साथ ही उन्होंने कहा कि पेपर लीक के लिए मौत की सजा होनी चाहिए.
चुनाव लड़ने के सवाल पर भी बोले खान सर
खान सर ने अपने चुनाव लड़ने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि हमें चुनाव नहीं लड़ना है. 2024 में भी उनसे इस बारे में कहा गया था. उन्होंने कहा कि हमें पढ़ाने से फुर्सत नहीं है. 2025 का इलेक्शन खत्म हो कि मेरा सरदर्द खत्म हो.
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