फर्जी दस्तावेज के जरिए लोन लेने वाली कंपनियों पर ED का शिकंजा, PMLA एक्ट के तहत होगी कार्रवाई​

 सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी, 2024 को अमटेक ऑटो ग्रुप के खिलाफ दर्ज PIL की सुनवाई करते हुए ED को 27,000 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड की जांच करने का निर्देश दिया था. 

ED ने अमटेक ऑटो लिमिटेड, एआरजी लिमिटेड, एसीआईएल लिमिटेड, मेटालिस्ट फोर्जिंग लिमिटेड और कास्टेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड सहित अन्य कंपनियों की 5,115.31 करोड़ रुपए की चल अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से अटैच किया है. ED ने ये कार्रवाई PMLA एक्ट के तहत की है. 

ED ने सीबीआई द्वारा दर्ज FIR के आधार पर जांच शुरू की थी. दरअसल IDBI बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र से कई शिकायतें मिली थी उन शिकायतों में आरोप था कि बैंकों से मिले करोड़ो रूपये के लोन को गलत रूट किया था यानी लोन एक तो फर्जी कागजातों के आधार पर लिया गया और जिस मकसद से लोन लिया गया उसे छोड़ कर उस पैसे का कही और इस्तेमाल किया गया. 

सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी, 2024 को अमटेक ऑटो ग्रुप के खिलाफ दर्ज PIL की सुनवाई करते हुए ED को 27,000 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड की जांच करने का निर्देश दिया था. 

ED की जांच में पता चला है कि अमटेक ऑटो लिमिटेड, एआरजी लिमिटेड, एसीआईएल लिमिटेड, मेटालिस्ट फोर्जिंग लिमिटेड और कास्टेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड सहित अन्य कंपनियों ने बैंक लोन लेने के लिए वित्तीय विवरणों को छुपाया और झूठे संपत्ति और निवेश बनाए. 

ED ने जून, 2024 में छापेमारी की थी, जिसमें 500 से ज्यादा शेल कंपनियों का पता चला, जिनका इस्तेमाल आरोपी कंपनियों द्वारा महंगी प्रॉपर्टी में किया गया. 

ED ने अरविंद धाम, अमटेक ग्रुप के प्रमोटर को 9 जुलाई, 2024 को गिरफ्तार किया गया था. अटैच की गई प्रॉपर्टी में 85 अचल संपत्ति शामिल है. जिनकी कीमत 2,674.75 करोड़ रुपये है जो 13 अलग-अलग राज्यों में फैली हुई है. इसके अलावा, शेयरों की कीमत 2,353.46 करोड़ रुपये भी अटैच की गई है.

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