एनआरआई कोटे के तहत मेडिकल कॉलेज में दाखिलों में अनियमितताओं का मामला सबसे पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पिछले साल सितंबर में उठाया था.
पश्चिम बंगाल में एनआरआई कोर्ट के नाम पर मेडिकल कॉलेजों में धांधली की शिकायतें मिल रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में छह स्थानों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया. यह छापेमारी मुख्य रूप से राज्य की राजधानी कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में की गई. यह छापेमारी गैर-निवासी भारतीय (एनआरआई) कोटे के तहत निजी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले में अनियमितताओं के संबंध में की गई.
सूत्रों के अनुसार, ईडी की छापेमारी कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में एक स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज एक विशेष शिकायत के बाद की गई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कई निजी मेडिकल कॉलेजों में कोटा के तहत दाखिला लेने के लिए फर्जी एनआरआई प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल किया गया था. और उन फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर, कई उम्मीदवारों ने एनआरआई न होते हुए भी कोटा के तहत दाखिला लिया था.
सूत्रों ने बताया कि ईडी के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं. ईडी को विशेष जानकारी मिली है कि निजी मेडिकल कॉलेजों में भारी नकद भुगतान के एवज में प्रवेश में इस तरह की अनियमितताएं की जा रही हैं. ईडी अधिकारियों द्वारा की जा रही छापेमारी और तलाशी के छह स्थानों में कोलकाता और उसके पास के दक्षिण 24 परगना तथा उत्तर 24 परगना जिले शामिल हैं. छापेमारी करने वाले अधिकारियों की प्रत्येक टीम के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवान थे. ईडी की जांच के दायरे में पश्चिम बंगाल में संचालित कुल आठ निजी मेडिकल कॉलेज हैं.
यह पहली बार नहीं है कि ईडी अधिकारियों ने इस सिलसिले में पश्चिम बंगाल में छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया है. पिछले साल दिसंबर में भी केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने इस मामले में राज्य के कई स्थानों पर इसी तरह की छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया था, जिसमें कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में साल्ट लेक, पूर्वी मेदिनीपुर जिले में हल्दिया की औद्योगिक बस्ती, पश्चिम बर्धमान में दुर्गापुर, दक्षिण परगना में बज बज और बीरभूम शामिल थे.
उस समय, हल्दिया में तामलुक से पूर्व सीपीआई (एम) लोकसभा सदस्य लक्ष्मण सेठ के आवास पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया गया था, जो हल्दिया में निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों का संचालन करने वाला एक गैर सरकारी संगठन चलाते हैं.
बता दें कि एनआरआई कोटे के तहत मेडिकल कॉलेज में दाखिलों में अनियमितताओं का मामला सबसे पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पिछले साल सितंबर में उठाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि ऐसे कई दाखिलों में भारी नकदी लेनदेन के खिलाफ गंभीर अनियमितताएं थीं, जिसमें फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए दाखिला भी शामिल था. उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर भी इस मामले में शामिल होने का आरोप लगाया था.
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