बिहार छात्र आंदोलन ने देश की राजनीति को बदल दिया. इस आंदोलन से निकले नेताओं ने पिछले 5 दशक से देश की राजनीति को प्रभावित किया है.
बिहार में बीपीएससी (BPSC) के खिलाफ छात्र आंदोलन कर रहे हैं. हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर हैं. पुलिस ने प्रशांत किशोर को हिरासत में ले लिया है. बिहार में छात्र आंदोलन का पुराना इतिहास रहा है. आजादी के समय से ही बिहार के छात्र सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करते रहे हैं. साल 1974 में बिहार के मुख्यमंत्री रहे अब्दुल गफूर के खिलाफ व्यापक आंदोलन हुआ था. बाद में वो आंदोलन बढ़ता हुआ ‘संपूर्ण क्रांति’ में बदल गया और इंदिरा गांधी की सरकार की तरफ से देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गयी. अपातकाल के कारण इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जनता में भारी आक्रोश हो गया और 1977 में हुए लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा.
बिहार छात्र आंदोलन की कैसे हुई थी शुरुआत?
1970 के दशक में भारत में भ्रष्टाचार, बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई और प्रशासनिक विफलताओं के खिलाफ लोगों में गहरी असंतोष की भावना थी. बिहार में हालात बाढ़ और सूखे के कारण बेहद खराब थे. बिहार में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रशासनिक भ्रष्टाचार और शिक्षा व्यवस्था की गिरावट से छात्रों में भारी आक्रोश था. जनवरी 1974 में, पटना विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों ने भ्रष्टाचार, शिक्षा प्रणाली में सुधार, और बेरोजगारी के मुद्दों पर आवाज उठाई. छात्रों ने बिहार छात्र संघर्ष समिति (Bihar Chhatra Sangharsh Samiti) का गठन कर आंदोलन की शुरुआत की थी.
यह आंदोलन बिहार से बढ़कर एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन गया और इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता का आधार बना. इसी आंदोलन की परिणति 1975 में इमरजेंसी (आपातकाल) के रूप में हुई, जो भारतीय लोकतंत्र को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण अध्याय के तौर पर जाना जाता है.
पटना यूनिवर्सिटी के छात्रों की तरफ से शुरु हुआ आंदोलन देखते ही देखते पूरे बिहार में फैल गया. पूरे राज्य के छात्र इस आंदोलन में हिस्सा लेने लगे. ये प्रमुख तारीख हैं जब छात्रों के छोटे से आंदोलन ने बड़ा स्वरुप ले लिया.
बिहार छात्र आंदोलन के प्रमुख चेहरे कौन थे, किसने किया थाबिहार छात्र आंदोलन के माध्यम से कई दिग्गज नेताओं का जन्म हुआ. बाद में इन नेताओं ने लंबे समय तक बिहार की राजनीति को प्रभावित किया है.
बिहार छात्र आंदोलन की क्यों होती है अब भी चर्चा?
बिहार छात्र आंदोलन ने देश की राजनीति को बदल दिया था. इस आंदोलन से निकले नेताओं ने पिछले 5 दशक से देश की राजनीति को प्रभावित किया है. कांग्रेस की सरकार को देश में पहली बार इस आंदोलन के माध्यम से चुनौती मिली थी. इस आंदोलन के बाद से पूरे देश में छात्र राजनीति को एक नई दिशा मिली थी. यह आंदोलन भारतीय राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ पहला बड़ा संगठित प्रयास था. आज भी जब भ्रष्टाचार और सामाजिक न्याय की बात होती है, तो बिहार छात्र आंदोलन को उदाहरण के रूप में याद किया जाता है.
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