November 15, 2024
भारत में मौजूद है परवेज मुशर्रफ के परिवार की संपत्ति, जानिए कितने करोड़ में बिकी?

भारत में मौजूद है परवेज मुशर्रफ के परिवार की संपत्ति, जानिए कितने करोड़ में बिकी?​

ग्रामीणों के मुताबिक़ पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति का परिवार बागपत के कोताना गांव में रहता था. जो हिंदुस्तान पाकिस्तान बटवारे के समय पाकिस्तान चला गया था. लेकिन उनकी और परिवार की जमीन और हवेली यही पर रह गई थी. (विपिन सोलंकी की रिपोर्ट)

ग्रामीणों के मुताबिक़ पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति का परिवार बागपत के कोताना गांव में रहता था. जो हिंदुस्तान पाकिस्तान बटवारे के समय पाकिस्तान चला गया था. लेकिन उनकी और परिवार की जमीन और हवेली यही पर रह गई थी. (विपिन सोलंकी की रिपोर्ट)

यूपी के बागपत के कोताना गांव स्थित 13 बीघा जमीन को नीलाम करने के लिए प्रशासन ने ऑनलाइन प्रक्रिया शरू कर दी हैं. जो ज़मीन है वो सरकारी दस्तावेज़ों में शत्रु संपत्ति है. प्रशासन के पास भले कोई प्रमाण ना हो लेकिन इस गांव के बुजुर्ग ये दावा करते हैं कि जो ज़मीन और उस पर बना खंडहर है, वो एक ज़माने में परवेज़ मुशर्रफ़ के पूर्वजों के नाम थी. ग्रामीणों का दावा है कि पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष और राष्ट्रपति रहे जनरल परवेज़ मुशर्रफ के परिवार के नाम दर्ज शत्रु संपत्ति को बागपत में नीलाम किया जा रहा है.

ग्रामीणों के मुताबिक़ पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति का परिवार बागपत के कोताना गांव में रहता था. जो हिंदुस्तान पाकिस्तान बटवारे के समय पाकिस्तान चला गया था. लेकिन उनकी और परिवार की जमीन और हवेली यही पर रह गई थी. जोकि अब प्रशासन ने उस जमीन और हवेली को शत्रु संपत्ति में दर्ज थी.

अब बागपत प्रशासन ने शत्रु संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया शरू कर दी हैं. जोकि 5 सितंबर यानी आज फाइनल हो जायेगा. गांव वालो का कहना है की जिस संपत्ति की नीलामी की प्रिक्रिया चल रहा है. वह जनरल परवेज मुशर्रफ के भाई जावेद मुसर्रफ की 13 बीघा खेती की जमीन हैं.

बताया जाता है की परवेज मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन और माता बेगम जरीन बागपत जिले के छपरौली थाना क्षेत्र के कोताना गांव की रहने वालीं थीं. कोताना में दोनों की शादी हुई थी. वह वर्ष 1943 में दिल्ली जाकर रहने लगे थे, जहां परवेज मुशर्रफ व उसके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ था. उनका परिवार वर्ष 1947 में बंटवारे के समय पाकिस्तान में जाकर बस गया था. मगर दिल्ली के अलावा उनके परिवार की हवेली व खेती की जमीन कोताना में मौजूद है.जिसमें परवेज मुशर्रफ की जमीन बेच दी गई तो उनके भाई डाॅ. जावेद मुशर्रफ व परिवार के सदस्यों की 13 बीघा से ज्यादा खेती की जमीन बच गई.

इसके अलावा कोताना की हवेली उनके चचेरे भाई हुमायूं के नाम दर्ज हो गई थी. परवेज मुशर्रफ के भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ व परिवार के अन्य सदस्यों की जमीन को पंद्रह साल पहले शत्रु संपत्ति में दर्ज कर दिया गया था. कोताना में शत्रु संपत्ति घोषित की गई उनकी जमीन की नीलामी शुरू हो गई है. इसमें आधी जमीन की नीलामी की प्रक्रिया पांच सितंबर यानी आज तक पूरी हो जाएगी, और रिकाॅर्ड में नया नाम दर्ज होगा.

NDTV India – Latest

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.