सुबह साढ़े नौ बजे तक 60 लाख श्रद्धालु मां गंगा में डुबकी लगा चुके हैं. विदेशी पर्यटक भी यहां पहुंचे हैं. पौलेंड, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और रूस से कई श्रद्धालुओं महाकुंभ आए हैं. पौलेंड से आईं श्रद्धालु क्लाउडिया ने कहा कि मुझे यहां आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है.
प्रयागराज में महाकुंभ के मौके पर भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है. दूर-दूर से लोग यहां आस्था की डूबकी लगाने के लिए आ रहे हैं. मेला क्षेत्र में अलग-अलग रंग देखने को मिल रह हैं. मेले में आई दो महिलाओं ने सबका ध्यान खूब आकर्षित किया. दरअसल महाकुंभ आई इन दोनों महिलाओं को डर था कि वो खो न जाएं. ऐसे में इन्होंने एक गजब तरकीब लगाई. इन दोनों महिलाओं ने एक रिबन लिया और उसे अपनी-अपनी कलाई में बांध लिया. इसके बाद ये दोनों बिना किसी डर के मेले में घूमती हुई नजर आईं.
हम लोगों ने कई हिंदी फिल्मों में ‘कुंभ के मेले में खोने’ का डायलॉग सुना है. ऐसे में मेले में आए लोगों के मन में खोने का डर होना लाजमी है. हालांकि प्रशासन ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में दस अत्याधुनिक डिजिटल ‘खोया-पाया केंद्र’ स्थापित किए हैं. सभी केंद्रों में 55 इंच का एलईडी स्क्रीन लगाया गया है. इसे लाउडस्पीकर से जोड़ा गया है. इससे खोया-पाया सामान और व्यक्तियों के बारे में आसानी से पत चल सकता है. इसलिए महाकुंभ के मेले में अगर आपका कोई अपना खो भी जाए तो घबराने की जरुरत नहीं है. आप बस इन केंद्रों पर चले जाएं.
सिर पर कबूतर, कंधे पर बंदर
महाकुंभ में आया एक व्यक्ति अपने कंधे पर एक बंदर को ले जाते हुए नजर आए. ये बंदर में बड़ी आसाम से कंधे पर बैठकर मेला का नजारा देख रहा था.
जबकि एक साधू ने तो अपने सिर पर कबूतर बैठा रखा था. इस तरह के कई रंग महाकुंभ में देखने को मिल रहे हैं.
विदेश से भी आए लोग
सुबह साढ़े नौ बजे तक 60 लाख श्रद्धालु मां गंगा में डुबकी लगा चुके हैं. विदेशी पर्यटक भी यहां पहुंचे हैं. पौलेंड, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और रूस से भई कई श्रद्धालुओं महाकुंभ आए हैं. पौलेंड से आईं श्रद्धालु क्लाउडिया ने कहा कि मुझे यहां आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है. मैंने कभी भी ऐसा महसूस नहीं किया था. कभी नहीं सोचा था कि मुझे कभी जीवन में इस तरह का अनुभव मिलेगा
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