माता वैष्णो देवी मंदिर का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी बढ़ता जा रहा है. यह मंदिर भारत के सबसे व्यस्त तीर्थस्थलों में से एक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
जम्मू-कश्मीर के त्रिकुटा पर्वत पर स्थित श्री माता वैष्णो देवी मंदिर न केवल देश के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है, बल्कि यह अब भक्तों की उदारता के मामले में भी सुर्खियां बटोर रहा है. हाल ही में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चला है कि पिछले पांच वर्षों में माता के दरबार में चढ़ावा और दान की राशि में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. नकद दान से लेकर सोने-चांदी के चढ़ावे तक में बेहद तेजी आई है. एक आरटीआई के जवाब में श्राइन बोर्ड की तरफ से यह जानकारी दी गई है.
श्राइन बोर्ड की तरफ से उपलब्ध करवाई गई जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में जनवरी तक मंदिर को 171.90 करोड़ रुपये का नकद दान प्राप्त हुआ है. यह आंकड़ा अपने आप में चौंकाने वाला है, क्योंकि पांच साल पहले यानी वित्तीय वर्ष 2020-21 में यह राशि मात्र 63.85 करोड़ रुपये थी. यानी पिछले पांच सालों में नकद चढ़ावे में लगभग तीन गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा, सोने और चांदी के चढ़ावे में भी जबरदस्त उछाल देखा गया है. जहां 2020-21 में मंदिर को 9.075 किलोग्राम सोना प्राप्त हुआ था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 27.717 किलोग्राम हो गया है. इसी तरह चांदी का चढ़ावा 753.630 किलोग्राम से बढ़कर 3,424.538 किलोग्राम तक पहुंच गया है. यह आंकड़े बताते हैं कि सोने में तीन गुना और चांदी में चार गुना वृद्धि हुई है.

क्यों चर्चा में है माता वैष्णो देवी मंदिर?
माता वैष्णो देवी मंदिर का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी बढ़ता जा रहा है. यह मंदिर भारत के सबसे व्यस्त तीर्थस्थलों में से एक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक शक्ति के लिए प्रसिद्ध है. लेकिन हाल के वर्षों में मंदिर को मिलने वाला चढ़ावा इसे देश के सबसे अमीर मंदिरों की सूची में भी शामिल कर रहा है. श्राइन बोर्ड के अनुसार, मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है. 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण मंदिर पांच महीने तक बंद रहा था और उस साल केवल 17.20 लाख तीर्थयात्री ही पहुंचे थे. हालांकि बाद में भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में उमड़ने लगी.

भारत का सबसे अमीर मंदिर कौन सा है?
माता वैष्णो देवी मंदिर के अलावा देश के कई अन्य मंदिर भी चढ़ावे के मामले में अग्रणी हैं. उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर हर साल लगभग 650 करोड़ रुपये का दान प्राप्त करता है. इसके अलावा, इस मंदिर के पास 9 टन सोने का भंडार और बैंकों में 14,000 करोड़ रुपये की जमा राशि है. महाराष्ट्र का शिरडी साईं बाबा मंदिर भी पीछे नहीं है, जहां सालाना करीब 480 करोड़ रुपये का चढ़ावा आता है. इस मंदिर के पास 380 किलो सोना, 4428 किलो चांदी और 1800 करोड़ रुपये की नकदी है. मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर भी हर साल 125 करोड़ रुपये का दान प्राप्त करता है. वहीं, वैष्णो देवी मंदिर की वार्षिक आय लगभग 500 करोड़ रुपये मानी जाती है, जो इसे देश के शीर्ष पांच सबसे अमीर मंदिरों में शामिल करती है.
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