भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पीएसएलवी रॉकेट के जरिए किए जाने वाले अपने ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट’ को लॉन्च कर दिया गया है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा से SpaDeX और इनोवेटिव पेलोड के साथ PSLV-C60 का प्रक्षेपण किया. इसरो के वैज्ञानिकों ने प्रक्षेपण के बाद खुशी जताई और इसे भारत के लिए एक और अहम उपलब्धि माना. इसी के साथ अब भारत Spadex की सफल लॉन्चिंग करने वाला चौथा देश बन गया है. इसरो ने कहा- पीएसएलवी-सी60 पर मौजूद प्राइमरी स्पैडेक्स अंतरिक्ष यान ‘ए’ और ‘बी’ सफलतापूर्वक अलग हुए.
इसरो का पीएसएलवी-सी60 रॉकेट सोमवार देर रात अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित हुआ, जिसमें दो महत्वपूर्ण अंतरिक्ष यान भेजे गए. ये अंतरिक्ष यान भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी प्रदान करेंगे और अंतरिक्ष डॉकिंग के प्रदर्शन में मदद करेंगे.
इसरो द्वारा 2035 तक अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना के तहत, 44.5 मीटर लंबा पीएसएलवी रॉकेट अंतरिक्षयान ए और बी को लेकर गया. इन दोनों यानों का वजन 220 किलोग्राम था और ये अंतरिक्ष डॉकिंग, उपग्रह सेवा औऱ अंतरग्रहीय मिशनों में सहायक होंगे.
स्पाडेक्स कक्षीय डॉकिंग में भारत की क्षमता स्थापित करने का एक महत्वाकांक्षी मिशन है, जो भविष्य में मानव युक्त अंतरिक्ष मिशन और उपग्रह सेवा मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक है. अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ के लिए यह एक किफायती प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है, जिससे भारत, चीन, रूस और अमेरिका जैसी विशिष्ट सूची में शामिल हो जाएगा.
‘स्पैडेक्स मिशन’ में ‘स्पेसक्राफ्ट ए’ में हाई रेजोल्यूशन कैमरा है, जबकि ‘स्पेसक्राफ्ट बी’ में मिनिएचर मल्टीस्पेक्ट्रल पेलोड और रेडिएशन मॉनिटर पेलोड शामिल हैं. ये पेलोड हाई रेजोल्यूशन वाली तस्वीर, प्राकृतिक संसाधन निगरानी, वनस्पति अध्ययन आदि प्रदान करेंगे.
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