मेहुल चोकसी और उसके भतीजे, सेलिब्रिटी ज्वैलर नीरव मोदी, देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी में घोटाला सामने आने से कुछ हफ्ते पहले जनवरी 2018 में भारत से भाग गए थे.
भगोड़ा हीरा व्यापारी और पंजाब नेशनल बैंक के लोन फ्रॉड केस के लिए भारत के मोस्ट वांटेड में से एक- मेहुल चोकसी अभी बेल्जियम में है. यूरोप के इस देश ने खुद NDTV से बात करते हुए इसकी पुष्टि की है. बेल्जियम के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वो अपने देश में मेहुल चोकसी की मौजूदगी से अवगत हैं और “इसे बहुत महत्व और ध्यान देते हैं”.
हालांकि, बेल्जियम ने कहा कि वे व्यक्तिगत मामलों पर टिप्पणी नहींं करेगा. फिर भी, “एफपीएस फॉरेन अफेयर्स इस महत्वपूर्ण मामले में घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है”.
न्यूज वेबसाइट एसोसिएट टाइम्स ने बताया कि भारतीय अधिकारियों ने चोकसी को भारत लाने यानी उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अपने बेल्जियम समकक्षों से संपर्क किया है. इसी मामले में सह-आरोपी और चोकसी का भतीजा नीरव मोदी लंदन में है और उसे भी भारत लाया जाना है.
65 साल का मेहुल चोकसी नीरव मोदी के साथ पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड केस में कथित संलिप्तता के लिए वांटेड है. वह अपनी बेल्जियम नागरिकता वाली पत्नी, प्रीति चोकसी के साथ एंटवर्प में रह रहा है.
मीडिया रिपोर्टों, जिसकी पुष्टि नहीं हो सकी है, उसमें कहा गया था कि मेहुल चोकसी ने ‘एफ रेजीडेंसी कार्ड’ हासिल कर लिया है.
इससे पहले चोकसी ने इलाज के लिए एंटीगुआ और बारबुडा छोड़ दिया था, हालांकि वह द्वीप राष्ट्र का नागरिक बना हुआ है.
एंटीगुआ और बारबुडा छोड़ने की खबर तब सुर्खियों में आई जब इस कैरेबियाई देश के विदेश मंत्री ईपी चेत ग्रीन ने इसका खुलासा किया. वह भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत के वार्षिक सम्मेलन रायसीना डायलॉग में भाग लेने के लिए भारत में थे. यह बताए बिना कि मेहुल चोकसी कहां गया था, विदेश मंत्री ग्रीन ने कहा कि वह चिकित्सा उपचार के लिए गया था.
मेहुल चोकसी और उसके भतीजे, सेलिब्रिटी ज्वैलर नीरव मोदी, देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी में घोटाला सामने आने से कुछ हफ्ते पहले जनवरी 2018 में भारत से भाग गए थे. बाद में पता चला कि घोटाला सामने आने से दो महीने पहले ही उन्होंने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी.
2021 में, उसे क्यूबा भागने की कोशिश करते समय डोमिनिका से पकड़ लिया गया था.
मेहुल चोकसी ने दावा किया है कि उनके खिलाफ मामले राजनीतिक साजिश का नतीजा हैं और भारत में उनकी संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने अवैध रूप से जब्त कर लिया है.
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