मौका मिला तो उद्धव-राज को फिर से साथ लाने की कोशिश करूंगा: MNS लीडर नंदगांवकर​

 नंदगांवकर 1990 के दशक में छगन भुजबल को हराने के बाद सुर्खियों में आए थे. भुजबल अविभाजित शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता बाला नंदगांवकर ने शुक्रवार को कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह उद्धव और राज ठाकरे को एक साथ लाने की कोशिश करेंगे.नंदगांवकर मुंबई की शिवडी विधानसभा सीट से राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.

इस सवाल पर कि क्या वह ठाकरे भाइयों को एक साथ लाने का प्रयास करेंगे, उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी ऐसा किया है और भविष्य में भी मौका मिलने पर ऐसा करूंगा.”उन्होंने कहा कि हालांकि वह मनसे के “सैनिक” हैं, लेकिन वह दिवंगत शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के भी “सैनिक” हैं.

नंदगांवकर 1990 के दशक में छगन भुजबल को हराने के बाद सुर्खियों में आए थे. भुजबल अविभाजित शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. एक दशक बाद जब राज ठाकरे का उद्धव ठाकरे से मतभेद हो गया और उन्होंने स्वयं शिवसेना छोड़ दी, तो नंदगांवकर ने भी पार्टी छोड़ दी.

मनसे ने अब तक 288 सीटों में से 50 से ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं.
 

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