रश्मिका मंदाना की सुरक्षा को लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक क्यों पहुंच गई चिट्ठी, क्या है पूरा मामला जानिए​

 कांग्रेस विधायक और कन्नड़ कार्यकर्ता ने बेंगलुरु में आयोजित होने वाले एक फिल्म समारोह में शामिल होने का निमंत्रण ठुकराने और खुद को हैदराबाद का निवासी बताने के लिए अभिनेत्री रश्मिका मंदाना की आलोचना की थी.

अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के खुद को ‘कर्नाटक के बजाय हैदराबाद से’ बताने के मुद्दे ने सियासी रूप ले लिया है. कर्नाटक के सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक रवि कुमार गौड़ा (गनीगा) और कन्नड़ कार्यकर्ता टी.ए. नारायण गौड़ा ने इस पर जमकर निशाना साधा. हालांकि रवि कुमार गौड़ा ने अब अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि ‘सबक सिखाउंगा’ कहने का मेरा मतलब हमला करना नहीं था. मेरा मतलब था कि वो हमारी भूमि और भाषा का सम्मान करें.

मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया – रवि गनीगा

कांग्रेस विधायक ने कहा कि मेरा मतलब जीवन में सबक सिखाने से था. अगर आप जिस सीढ़ी के जरिए चढ़ रहे हैं और उसे ही लात मारेंगे तो आप नीचे गिर जाएंगे. राज्य के कार्यक्रम में उन्हें आना चाहिए था. मैं उनके कला सा सम्मान करता हूं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से कहना चाहता हूं कि वो सही नहीं हैं. मैं आज भी अपने शब्दों पर कायम हूं. मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया. 

वहीं बीजेपी ने अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के लिए सुरक्षा की मांग की है. बीजेपी विधायक सीटी रवि ने कहा, “रश्मिका मंदाना एक बेहतरीन अभिनेत्री हैं, वह कर्नाटक की अभिनेत्री हैं. सभी को सुरक्षा प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है.”

कोडवा राष्ट्रीय परिषद ने रश्मिका के लिए मांगी सुरक्षा

इधर कोडवा राष्ट्रीय परिषद (सीएनसी) ने भी अभिनेत्री का समर्थन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश के गृह मंत्री जी. परमेश्वर से उनकी सुरक्षा की अपील की है. सीएनसी के अध्यक्ष एन.यू. नचप्पा ने शाह और परमेश्वर को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि रश्मिका को ‘एक विधायक द्वारा धमकाया और डराया जा रहा है’, जिसे कोडवा समुदाय ‘गुंडागर्दी’ मानता है.

नचप्पा ने कहा कि कोडवालैंड की मूल कोडवा आदिवासी जाति से ताल्लुक रखने वाली रश्मिका ने अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा के दम पर भारतीय फिल्म जगत में अपार सफलता हासिल की है. रश्मिका ने अमिताभ बच्चन और सलमान खान जैसे प्रमुख अभिनेताओं के साथ काम किया है.

सीएनसी अध्यक्ष ने कहा, “सीएनसी इस बात पर जोर देती है कि अपनी पसंद चुनने की रश्मिका की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए और उसे विधायकों की बात का पालन करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. परिषद इस बात पर भी प्रकाश डालती है कि विधायक की हरकतें कोडवा के प्रति भय को दर्शाती हैं, क्योंकि वे रश्मिका को केवल उसके समुदाय के कारण निशाना बना रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “इसके मद्देनजर, सीएनसी मांग करती है कि सरकार रश्मिका की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उनके साथ उचित सम्मान के साथ पेश आए, उनके अधिकारों की रक्षा करे और न्याय को कायम रखे.”

क्या है पूरा मामला?

इससे पहले कांग्रेस विधायक और कन्नड़ कार्यकर्ता ने बेंगलुरु में आयोजित होने वाले एक फिल्म समारोह में शामिल होने का निमंत्रण ठुकराने और खुद को हैदराबाद का निवासी बताने के लिए अभिनेत्री रश्मिका मंदाना की आलोचना की थी. मांड्या से विधायक रवि कुमार गौड़ा ने कहा कि रश्मिका कर्नाटक के कोडागु जिले से ताल्लुक रखती हैं और उन्हें खुद को हैदराबाद का निवासी बताने के लिए सबक सिखाया जाना चाहिए.

गौड़ा ने कहा, “रश्मिका ने कन्नड़ फिल्म ‘किरिक पार्टी’ से अपने सिने करियर की शुरुआत की थी. पिछली बार जब उन्हें फिल्म समारोह के लिए आमंत्रित किया गया था तो उन्होंने कहा था कि वह हैदराबाद में रहती हैं.” कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि रश्मिका ने यहां तक कहा था कि वह नहीं जानतीं कि कर्नाटक कहां है और उन्होंने यहां फिल्म समारोह में शामिल होने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उनके पास समय नहीं है.

गौड़ा ने सवाल किया, “हमारे एक विधायक रश्मिका के घर गए और उन्हें कई बार आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने कन्नड़ के बारे में बहुत आपत्तिजनक बातें कीं, जबकि वह कन्नड़ धरती से आई हैं. क्या उन्हें सबक नहीं सिखाया जाना चाहिए?”

कन्नड़ फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स को चेतावनी देते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा कि वह मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर फिल्म उद्योग को दी जाने वाली सब्सिडी वापस लेने का अनुरोध करेंगे.

कन्नड़ कार्यकर्ता टी.ए. नारायण गौड़ा ने रश्मिका को बताया ‘मीर सादिक’

वहीं, कर्नाटक रक्षणा वेदिके के संयोजक टीए नारायण गौड़ा ने भी कहा कि रश्मिका कोडागु से ताल्लुक रखती हैं और मूल रूप से कन्नडिगा हैं, लेकिन वह खुद को तेलुगु और आंध्र प्रदेश की बेटी बताती हैं. उन्होंने कहा, “आप (रश्मिका) यहीं पली-बढ़ी हैं. अगर आप अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों में मौका मिलने के बाद कन्नड़ राज्य को भूल जाती हैं, तो हमें लगता है कि आप किस तरह की ‘मीर सादिक’ हैं.” मीर सादिक टीपू सुल्तान का दरबारी था, जिसने उन्हें धोखा दिया था.

नारायण ने कहा कि रश्मिका के मन में कर्नाटक की भाषा और संस्कृति के प्रति सम्मान एवं गर्व की भावना होनी चाहिए. उन्होंने कहा, “आप चाहे कितने भी बड़े व्यक्ति क्यों न हो जाएं, इस भूमि का कर्ज चुकाना आपका कर्तव्य है.”

कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस बेंगलुरू फिल्म समारोह में कम उपस्थिति को लेकर फिल्म उद्योग से नाराज है. राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शनिवार को फिल्म उद्योग को चेतावनी देते हुए कहा था कि उन्हें पता है कि कैसे पेच कसना है और किससे संपर्क करना है. उन्होंने कहा था कि अगर सरकार समर्थन और अनुमति न दे, तो फिल्में नहीं बनाई जा सकतीं.

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