अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद मीडिया से बातचीत में राजावत ने कहा कि वह सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.
राजस्थान में वन विभाग के अधिकारी को 2022 में उसके कायालय में घुसकर थप्पड़ मारने के मामले में एक विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत और उनके सहयोगी महावीर सुमन को तीन साल कैद की सजा सुनाई है.
लोक अभियोजक ने बताया कि एससी/एसटी अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) सहित संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया और उनपर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद मीडिया से बातचीत में राजावत ने कहा कि वह सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे. कोटा के लाडपुरा से पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि उन्हें एससी/एसटी कानून की धारा तीन के तहत आरोपों से बरी कर दिया गया है.
तत्कालीन उप वन संरक्षक (डीसीएफ) रवि कुमार मीणा की शिकायत पर राजावत और सुमन के खिलाफ 31 मार्च 2022 को नयापुरा थाने में आईपीसी की धारा 332, 353, 34 और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
आरोप लगाया गया था कि राजावत अपने समर्थकों के साथ डीसीएफ के कार्यालय में घुसे, जहां उन्होंने एक मंदिर के मरम्मत कार्य को रोकने का विरोध किया और डीसीएफ को थप्पड़ मार दिया था.
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