रिश्ते खराब होने के बाद से पति-पत्नी 8 मई 2006 से अलग रह रहे थे. जिसके बाद से दंपत्ति ने अपनी राह अलग करने का फैसला किया.
हरियाणा के करनाल जिले में दंपत्ति ने शादी के 44 साल बाद तलाक ले लिया है. 18 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद दोनों ने रिश्ता खत्म कर अपनी जिंदगी के नए सफर की शुरुआत की है. वहीं पति ने पत्नी को 3 करोड़ रुपये से ज्यादा का गुजारा भत्ता देने का फैसला किया. पत्नि को गुजारा भत्ता देने के लिए पति ने अपनी खेती की जमीन तक बेच दी. यह फैसला पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मध्यस्थता केंद्र में हुआ.
2006 से अलग रह रहे थे पति-पत्नी
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक दंपत्ति की शादी अगस्त 1980 को हुई थी और अब जाकर उनका तलाक हुआ है. पति जिसकी उम्र अगले महीने 70 साल हो जाएगी. वहीं पत्नी की उम्र 73 साल. दंपत्ति के तीन बच्चे हैं, जिनमें दो बेटियां और एक बेटा है. रिश्ते खराब होने के बाद से पति-पत्नी 8 मई 2006 से अलग रह रहे थे. जिसके बाद से दंपत्ति ने अपनी राह अलग करने का फैसला किया.
2013 में तलाक की अर्जी हुई खारिज
पति ने करनाल की फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी लगाई थी. हालांकि 2013 में अदालत ने उनकी दायर की गई तलाक की अर्जी खारिज कर दी. इसके बाद पति ने इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में अपील की. जहां ये मामला लगभग 11 साल तक लंबित रहा. फिर इस मामले को हाईकोर्ट ने मध्यस्थता केंद्र भेज दिया. जहां पति और पत्नी के बीच मध्यस्थता हुई.
पति ने जमीन बेचकर दिए 3 करोड़ से ज्यादा
इस मामले की मध्यस्ता के दौरान पत्नी, बच्चों और पति ने 3.07 करोड़ रुपये के भुगतान पर तलाक के लिए सहमति जताई. इस मामले को निपटाने के लिए पति ने अपनी जमीन बेचकर दो करोड़ रुपये का डिमांड ड्राफ्ट दिया और 50 लाख रुपये नकद दिए. पति ने ये रकम फसल बेचकर जुटाए. साथ ही 40 लाख रुपये के सोने-चांदी के गहने भी पत्नी को दिए.
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