लखनऊ के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों ने गॉलस्टोन और गॉलब्लैडर के बढ़े हुए आकार का सफल इलाज किया. खास बात यह है कि मरीज के गॉलब्लैडर का आकार लगभग 15 सेंटीमीटर हो गया था जो अपने सामान्य आकार से दोगुना है. यह अब तक दुनिया में सिर्फ नवां ऐसा मामला था.
लखनऊ के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों ने गॉलस्टोन और गॉलब्लैडर के बढ़े हुए आकार का सफल इलाज किया. खास बात यह है कि मरीज के गॉलब्लैडर का आकार लगभग 15 सेंटीमीटर हो गया था जो अपने सामान्य आकार से दोगुना है. यह अब तक दुनिया में सिर्फ नवां ऐसा मामला था.
पैंतीस साल की महिला का सफल इलाज करने वाली जनरल सर्जन डॉ. सुरम्या पाण्डेय ने बताया, ”हमारे पास 26 नवम्बर को पेट दर्द की शिकायत के साथ एक महिला आई थी. हमने मरीज शालिनी तिवारी का अल्ट्रासाउंड किया. रिपोर्ट से पता चला कि उन्हें गॉलस्टोन (पित्त की थैली में पथरी) है. इसके बाद हमने 28 नवम्बर को उनका ऑपरेशन किया.”
डॉ. पाण्डेय ने कहा, ”ऑपरेशन के दौरान हमने यह पाया कि गॉलस्टोन तो था ही, साथ ही गॉलब्लैडर का आकार भी बहुत बड़ा था. जिसे “जायंट गॉलब्लैडर” कहा जाता है. सामान्यत: गॉलब्लेडर का आकार करीब सात से आठ सेंटीमीटर होता है, लेकिन इस मरीज का गॉलब्लैडर लगभग 15 सेंटीमीटर का था, यह एक दुर्लभ स्थिति है, जो अब तक दुनिया भर में केवल नौ मरीजों में देखी गई है.”
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उन्होंने बताया कि मरीज के ऑपरेशन के बाद कोई समस्या नहीं हुई. गत 3 दिसम्बर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. शुक्रवार को वह फॉलो-अप के लिए आई थीं और पूरी तरह से फिट हैं. हमने जो ऑपरेशन किया था, वह पूरी तरह से सफल रहा है.
डॉक्टर ने कहा, ”गॉलब्लैडर की सर्जरी आमतौर पर एक सामान्य ऑपरेशन होता है, लेकिन इस केस में जो विशेष बात है, वह यह है कि गॉलब्लैडर का आकार अत्यधिक बड़ा था, जो कि बहुत ही दुर्लभ स्थिति है. अब तक यह दुनिया में केवल नौ मामलों में ही देखा गया है.”
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