महिला का आरोप है कि डॉक्टरों के एक पैनल ने ऑपरेशन के दौरान उनके पेट में 23 सेंटीमीटर लंबा पाइप छोड़ दिया था, जिसकी वजह से उन्हें लंबे समय तक दर्द झेलना पड़ा.
9 Inch Long Pipe Left In Stomach During Surgery: हमारे देश में डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन क्या हो जब रक्षक ही भक्षक बन जाए. ऐसा ही कुछ हुआ दिल्ली की एक महिला के साथ. जहां डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक महिला कई महीने तक असहनीय दर्द से तड़पती रही. हाल ही में नोएडा के सेक्टर 51 स्थित एक नामी अस्पताल पर महिला ने गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए प्रबंधन, डॉक्टर और नर्स के खिलाफ केस दर्ज कराया है. महिला का आरोप है कि डॉक्टरों के एक पैनल ने ऑपरेशन के दौरान उनके पेट में 23 सेंटीमीटर लंबा पाइप छोड़ दिया था, जिसके करीब 6-7 महीने तक दर्द से हाल बेहाल होने के बाद जब महिला ने दूसरे अस्पताल में जांच कराई, तो चौंकाने वाले सच का खुलासा हुआ. दरअसल, जांच में जब महिला के पेट में 23 सेमी का कैथेटर फंसा हुआ दिखा, तो बवाल मच गया.
दर्द से कराहती रही महिला लेकिन नहीं पसीजा डॉक्टरों का दिल
दरअसल, 30 साल की किरण नेगी (पीड़िता) ने 2 फरवरी 2023 में उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर-51 स्थित क्लाउड नाइन अस्पताल में गर्भाशय फाइब्राइड रिमूवल की सर्जरी कराई थी. सर्जरी के दौरान उनके पेट में एक ड्रेन बैग लगाया गया था, जिसे 4 दिन बाद निकाला जाना था, लेकिन अगले ही दिन ड्यूटी स्टाफ द्वारा बैग को खाली करते समय बैग बाहर निकल आया. ऐसे में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने इसे नजरअंदाज कर दिया. इसके साथ ही डॉक्टरों ने उन्हें सब ठीक है कह कर..चिंता नहीं करने की सलाह भी दी और 4 फरवरी 2023 को उन्हें अस्पताल से छुट्टी (डिस्चार्ज) दे दी. इस दौरान लगभग एक हफ्ते बाद किरण नेगी फॉलोअप के लिए डॉक्टर की ओपीडी में पहुंची. उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि, जिस दिन से अस्पताल से उन्हें डिस्चार्ज किया गया है, उसी दिन से उनके पेट में दर्द हो रहा है. किरण की बात सुनने के बाद डॉक्टर ने उन्हें आश्वासन दिया कि यह मांसपेशियों में दर्द है. इसके साथ ही उन्हें 6 से 7 महीने तक रुकने को भी कहा.
मैक्स अस्पताल में कराई दोबारा सर्जरी
इस बीच दर्द से भरे किरन के ये दिन हफ्तों में बदलते चले गए और हफ्ते महीनों में…लेकिन जो नहीं बदला वो था दर्द. पेट में धीरे-धीरे बढ़ते इस दर्द से किरण बुरी तरह से परेशान हो चुकी थी और बार-बार डॉक्टरों से अपनी परेशानी बताती रहीं, लेकिन डॉक्टर हर बार उन्हें झूठी तसल्ली देकर दर्द में रहने देते. दर्द से कराहती किरण की बात सुनने के बाद भी डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा और फिर एक दिन थक हार कर किरण ने दूसरे डॉक्टर से सलाह ली. दूसरी सर्जरी से पहले डॉक्टरों ने पहले किरण का सीटी स्कैन कराया. अल्ट्रासाउंड कराने पर पेट में प्लास्टिक पाइप (कैथेटर) होने की जानकारी मिली, जिसके बारे में जानकर किरन समेत उनका पूरा परिवार हक्का-बक्का रह गया. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के निजी अस्पताल में 9 अक्टूबर 2023 को सर्जरी कराकर पाइप बाहर (कैथेटर) निकलावा. बताया जा रहा है कि, किरण को दूसरी सर्जरी के बाद दर्द से राहत मिली. जानकारी के लिए बता दें कि, कैथेटर….वो लचीली ट्यूब होती है जिसका इस्तेमाल शरीर में मौजूद तरल पदार्थ पहुंचाने या निकालने के लिए किया जाता है.
अस्पताल के खिलाफ FIR दर्ज
किरण के मुताबिक, 6 से 7 महीने बाद भी जब पेट दर्द बंद होने का नाम नहीं ले रहा था तब उन्होंने दूसरे डॉक्टर को दिखाया. अल्ट्रासाउंड और सीईसीटी स्कैन करने के बाद डॉक्टर ने बताया की मेरे पेट में एक पाइप है, जिसके लिए दोबारा सर्जरी करानी पड़ेगी. इसके बाद 9 अक्टूबर 2023 को उन्होंने मैक्स अस्पताल में सर्जरी कराई. किरण का आरोप है कि, क्लाउड नाइन अस्पताल में सर्जरी के दौरान उनके पेट में 23 सेंटी मीटर लंबा प्लास्टिक पाइप छोड़ दिया गया था, जिसकी वजह से उन्हें लंबे समय तक दर्द झेलना पड़ा. किरण नेगी की शिकायत पर सेक्टर-49 थाने में अस्पताल प्रबंधक डॉ. इला गुप्ता, डॉ. बिप्लब मुखेपाध्याय और डॉ. स्वाति राजपुरे, ड्यूटी डॉक्टर समेत ड्यूटी नर्स के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. इस मामले पर नोएडा जोन के एडीसीपी मनीष मिश्रा ने बताया कि शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर तथ्यों पर जांच की जा रही है.
#WATCH | Noida, UP: DCP Noida Ram Badan Singh says, “A woman named Kiran Negi had her operation done on February 2 in Cloudnine Hospital. and during her operation, a tube of 9-10 inches was left in her stomach. When she felt a lot of pain she consulted the doctor again. The… pic.twitter.com/qaMBoLbGeD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 9, 2024
अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों को किया खारिज
वहीं इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासन ने महिला के सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि, महिला ने मुआवज़ा मांगने के मकसद से उनके ऊपर केस दायर किया है, ताकि हॉस्पिटल की इमेज को खराब किया जा सके. क्लाउड नाइन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से जारी किए गए बयान में महिला द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है. प्रबंधन के मुताबिक, मरीज ने दो साल पहले इलाज करवाया था. उस वक्त अस्पताल से पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही मरीज की छुट्टी की गई थी. अब शिकायत कर के और ऐसे आरोप लगाकर अस्पताल की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने की कोशिश अनुचित है.
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