December 12, 2024
लाशों की गठरियां, शव कुचलने वाली 'प्रेस'... सीरिया में असद ने बना रखी थी मौत की कोठरी!

लाशों की गठरियां, शव कुचलने वाली ‘प्रेस’… सीरिया में असद ने बना रखी थी मौत की कोठरी!​

सीरिया में बशर-अल-असद ने एक 'नरक लोक' बनाया हुआ था, जहां विद्रोहियों को टॉर्चर किया जाता था. एक मुर्दाघर से 40 लाशें मिली हैं, इनमें से कई की आंखें और दांत बाहर निकले हुए हैं, खून बिखरा हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, असद के शासनकाल में कम से कम 60,000 लोग मारे गए.

सीरिया में बशर-अल-असद ने एक ‘नरक लोक’ बनाया हुआ था, जहां विद्रोहियों को टॉर्चर किया जाता था. एक मुर्दाघर से 40 लाशें मिली हैं, इनमें से कई की आंखें और दांत बाहर निकले हुए हैं, खून बिखरा हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, असद के शासनकाल में कम से कम 60,000 लोग मारे गए.

बशर-अल-असद ने 24 साल तक सीरिया पर राज किया. असद पर इस दौरान कई बार मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोप लगते रहे. इनमें युद्ध के दौरान सीरिया में रासायनिक हथियारों का प्रयोग, कुर्दों का दमन और लोगों को जबरन गायब करने के आरोप शामिल रहे, लेकिन असद ने इन आरोपों को हर बार खारिज कर दिया. लेकिन अब असद की ‘मौत की कोठरी’ का खुलासा हो गया है. मुर्दाघर में रखी लाशें खुद इस बात की गवाही दे रही हैं कि असद अपने खिलाफ उठने वाली आवाज को कितनी बेरहमी से कुचल दिया करते थे. इसी दमनकारी नीति की वजह से वह 24 साल तक सीरिया पर राज करते रहे. सीरिया में तख्‍तापलट के बाद असद, रूस भाग गए हैं. विद्रोहियों ने पूरे सीरिया पर कब्‍जा कर लिया है. विद्रोही लड़ाकों ने एएफपी को बताया कि उन्हें सोमवार को दमिश्क के पास एक अस्पताल के मुर्दाघर के अंदर लगभग 40 शव मिले, जो बॉडी बैग में भरे हुए थे. इन शवों के बैगों पर नंबर और किसी-किसी पर नाम भी लिखा हुए है. इन शवों पर टॉर्चर के निशान साफ देखे जा सकते हैं. इन टॉर्चर के निशानों को देखकर दिल दहल गया.

लाशों पर टॉर्चर के निशान…

देश के दक्षिण से विद्रोही गुटों के एक लड़ाके मोहम्मद अल-हज ने टेलीफोन पर एएफपी को बताया, ‘मैंने अपने हाथों से मुर्दाघर का दरवाजा खोला, यह एक भयानक दृश्य था, लगभग 40 शवों एक ढेर के रूप में पड़े हुए थे, जिन पर भयानक यातना के निशान दिखाई दे रहे थे.’ एएफपी ने दर्जनों तस्वीरें और वीडियो फुटेज जारी की हैं. इनमें हज ने बताया कि शवों पर यातना के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं… कई के आंखें और दांत बाहर निकले हुए थे, खून बिखरा हुआ था और चोट के निशान थे. हरास्टा अस्पताल में लिए गए फुटेज में कपड़े का एक टुकड़ा भी दिखाई दिया, जिसमें हड्डियां थीं, जबकि एक सड़ते हुए शरीर की पसली का पिंजर त्वचा के आर-पार दिखाई दे रहा था. शवों को सफेद प्लास्टिक की थैलियों में रखा गया था और सफेद कपड़े में लपेटा गया था, जिनमें से कुछ खून से सने हुए थे.

मृतकों में कुछ पर कपड़े थे, जबकि कुछ…

विद्रोही गुटों के एक लड़ाके मोहम्मद अल-हज ने बताया कि अस्‍पताल में लाशों पर कपड़े या चिपकने वाली टेप के टुकड़े थे, जिन पर नंबर और किन्‍हीं पर नाम लिखे हुए थे. ऐसा लगता है कि कुछ को हाल ही में मार दिया गया था. मृतकों में से कुछ ने कपड़े पहने हुए थे, जबकि अन्य नग्न थे. इस्लामवादी नेतृत्व वाले विद्रोहियों ने रविवार को पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद को हटाकर सत्ता पर कब्जा कर लिया, जिनके परिवार ने सीरिया पर पांच दशकों से अधिक समय तक शासन किया था.

असद का ‘नरक लोक’

विद्रोहियों ने बताया कि असद को अपने पिता हाफ़िज़ से विरासत में सत्‍ता मिली थी. इसके साथ ही जेलों और हिरासत केंद्रों का एक परिसर भी मिला था, जहां लोगों को अलग-अलग तरह से टॉर्चर किया जाता था. इसे असद का नरक लोक कहा जा सकता है, जिसका इस्‍तेमाल सत्तारूढ़ बाथ पार्टी की लाइन से बाहर जाने वाले लोगों के लिए किया जाता था. यहां लोगों को असहनीय यातनाएं दी जाती थीं. यहां शवों को कुचलने वाली एक ‘प्रेस’ थी. लोगों को यहां लंबे समय तक जेलों में रखा जाता था और जब तक वे असल की बात नहीं मान लेते थे, तब तक उन्‍हें टॉर्चर किया जाता था. एएफपी संवाददाताओं ने कहा कि असद की जेलों में गायब हुए अपने प्रियजनों से दोबारा मिलने की उम्मीद कर रहे हजारों लोग सोमवार शाम दमिश्क के बाहर कुख्यात सैयदनाया जेल में एकत्र हुए थे.

अपनों के शवों के लिए अस्‍पताल के बाहर पहुंचे लोग

विद्रोही हज ने बताया कि लड़ाकों को अस्पताल के एक कर्मचारी से वहां फेंके जा रहे शवों के बारे में सूचना मिली थी. उन्होंने कहा, “हमने जो कुछ भी पाया उसके बारे में सैन्य कमान को सूचित किया और सीरियाई रेड क्रिसेंट के साथ समन्वय किया, जिसने शवों को दमिश्क अस्पताल पहुंचाया, ताकि परिवार आकर उनकी पहचान कर सकें.’ डायब सेरिया, जिन्होंने एसोसिएशन ऑफ डिटेनीज़ एंड द मिसिंग इन सेडनाया प्रिज़न (एडीएमएसपी) वॉचडॉग के सह-संस्थापक हैं, ने एएफपी को बताया कि ये शव संभवतः सैदनाया जेल के बंदियों के थे. उन्होंने कहा, ‘हरस्टा अस्पताल बंदियों के शवों को इकट्ठा करने के लिए मुख्य केंद्र के रूप में काम करता था.’

ब्रिटिश स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स वॉर मॉनिटर के अनुसार, असद के हिरासत केंद्रों में यातना के तहत या भयानक स्थितियों के कारण कम से कम 60,000 लोग मारे गए हैं. सीरिया में संघर्ष की शुरुआत के बाद से राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार पर मानवाधिकारों के हनन और यातना, बलात्कार और अपहरण के मामलों का आरोप लगाया गया. अब मुर्दाघरों से असद के नरक लोक की सच्‍चाई सामने आ रही है.

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