”वोटरों को दिया धोखा” : तमिलनाडु में NEET को लेकर एमके स्टालिन और विपक्ष आमने-सामने​

 तमिलनाडु भाजपा ने उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन से बिना शर्त माफ़ी मांगने की मांग की है. दूसरी तरफ एक्टर विजय के नेतृत्व वाली तमिलगा वेट्टई कज़गम (TVK) ने कहा है कि DMK के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) के मुद्दे पर लोगों को धोखा दिया है. 

तमिलनाडु भाजपा ने उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन से बिना शर्त माफ़ी मांगने की मांग की है. दूसरी तरफ एक्टर विजय के नेतृत्व वाली तमिलगा वेट्टई कज़गम (TVK) ने कहा है कि DMK के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) के मुद्दे पर लोगों को धोखा दिया है. 

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में कहा था कि अगर 2024 के लोकसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन (INDIA Aiiliance) विजयी होता तो NEET को समाप्त कर दिया जाता. उन्होंने कहा कि परीक्षा को रद्द करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है. उन्हें अपने इस बयान पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. 

भाजपा के राज्य सचिव एसजी सूर्या ने उदयनिधि स्टालिन पर 2021 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान तमिलनाडु के लोगों से “बेशर्मी से झूठ बोलने” का आरोप लगाया. स्टालिन ने कहा था कि NEET को खत्म करना DMK सरकार की प्राथमिकता होगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि NEET को लागू करने में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है.

विजय ने सोशल मीडिया पर कहा था कि DMK ने झूठे वादों से लोगों को धोखा दिया है. उन्होंने कहा कि यह एक प्रमुख चुनाव अभियान मुद्दा था. विजय ने कहा, “यह तमिलनाडु के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा है. 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान, DMK ने सत्ता में लौटने पर NEET को खत्म करने का वादा किया था. हालांकि, वे अच्छी तरह से जानते थे कि यह निर्णय केवल केंद्र सरकार ही ले सकती है.”

विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि उनके पूर्ववर्ती करुणानिधि और जे जयललिता के कार्यकाल के दौरान NEET अस्तित्व में नहीं था. उन्होंने तर्क दिया कि परीक्षा केवल एडप्पादी के पलानीस्वामी की सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई थी. 

एमके स्टालिन ने विपक्षी नेता पर यह भी आरोप लगाया कि जब केंद्र ने परीक्षा शुरू की थी, तब वे मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान लगभग एक साल तक ‘चुप’ रहे.

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